मंडी, 18 जून : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बागा चुनौगी थाच द्वारा अंतरराज्यीय कार्यक्रम ’’आजादी के अमृत महोत्सव’’ का वर्चुअली आयोजन किया गया। इसमें वल्लभ महाविद्यालय ज़िले के सहायक आचार्य डॉ. संजीत सिंह ठाकुर ने 1857 की क्रांति में हिमाचल प्रदेश के मंडी के रणबांकुरों के विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
उन्होंने मंडी की रानी ललिता कुमारी खैरगड़ी, पंडित पदमनाभ, भाई हिरदाराम, कृष्णानंद स्वामी, अध्यापक हरदेव सिंह, पंडित गौरी प्रसाद और पूर्णानंद के जीवन वृत्त एवं महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन करते हुए विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश से 1857 की क्रांति में 50 देशभक्तों को फांसी दी गई, 30 देशभक्तों को देश निकाला, आजाद हिंद फौज के 131 सेनानी शहीद हो गए तथा लगभग 500 देशभक्तों को जेलों में कैद किया गया। वहीं मंडी जिला से भी लगभग 50 स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम में मशाल जलाई और बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राण देश को आजाद करवाने की खातिर न्योछावर कर दिए।
अंग्रेजों से विभिन्न योजनाएं भी सही लेकिन अपने देश के खातिर किसी भी प्रकार का अंग्रेजों के साथ कोई समझौता नहीं किया और आजादी की लड़ाई में लगातार अपने प्राणों की परवाह किए बिना आगे बढ़ते रहे और देश को आजाद कराकर चैन की सांस ली। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय पाठशाला के प्रधानाचार्य मेहर चंद ठाकुर ने की।
उन्होंने भी इस मौके पर कहा कि हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के वीर योद्धाओं का राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कार्यक्रम के संयोजक प्रवक्ता संस्कृत भोला दत ने बताया की स्वतंत्रता के 75 वीं वर्षगांठ पर ’’आजादी के अमृत महोत्सव’’ कार्यक्रम के अंतर्गत अंतरराज्यीय कार्यक्रम श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न विद्वानों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों के योगदान पर महत्वपूर्ण संस्थाओं व घटनाओं के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
कार्यक्रम में स्थानीय पाठशाला के प्रधानाचार्य, संयोजक, अन्य अध्यापकों, प्राध्यापकों, मुख्य वक्ता तथा बच्चों सहित 100 लोगों ने भाग लिया।