सुंदरनगर (नितेश सैनी): भ्रष्टाचार निवारण समिति मुरारीधार के प्रधान लेखराज कटोच, उपप्रधान खजाना राम, सचिव पूर्ण चंद, सदस्यों में पूर्व पुजारी युद्धवीर सिंह, मलारी राम, संत राम, कलिया राम, गुरदास राम, मंसा राम, बलवंत सिंह, बिट्टू राम, चेतराम का कहना है कि मुरारी देवी मंदिर प्रबंधन का शीघ्र सरकारीकरण हो। प्रबंधन समिति द्वारा सोसायटी एक्ट की धारा-42 व 45 का उल्लंघन करने की सूरत में चुनाव अवैध होने की सूरत पर एसडीएम सदर मंडी को उपायुक्त मंडी ने कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से तीसरी बार कार्रवाई करने के आदेशों के बावजूद भी एसडीएम सदर मंडी प्रबंधन समिति को भंग करने में नाकाम रही है, जिससे प्रबंधन व प्रशासन के अधिकारियों की आपसी मिलीभगती की बू आ रही है।
समिति का कहना है कि अगर जल्द ही प्रबंधन समिति को प्रशासन ने भंग नहीं किया और प्रशासन द्वारा मंदिर का प्रबंधन नहीं संभाला गया तो समिति इस फैसले की लेटलतीफी के लिए मंडलायुक्त के पास चुनौती देगी। समिति ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भी मांग की है कि जल्द ही मंदिर के सरकारीकरण किए जाने की अधिसूचना जारी की जाए, ताकि आम जनता को प्रबंधन समिति के भ्रष्टाचार का पता चल सके। उन्होंने कहा कि मंदिर सरकारीकरण होने से मुरारी देवी के इर्दगिर्द क्षेत्र में सुविधाओं में इजाफा होगा और उनकी आम जनता को पर्याप्त सुविधा मुहैया होगी। जोकि वर्तमान में शून्य के बराबर है।
उधर मंडी सदर के एसडीएम मदन कुमार का कहना है कि मंदिर का कार्य प्रदेश सरकार के आदेशों के बाद भाषा एवं संस्कृति विभाग के पास ही होता है। यहां पर पुराने मामलों से संबंधित कार्रवाई चली हुई हैं।