शिमला, 30 मार्च : भ्रष्टाचार और बहुचर्चित पेचिदा मामलों की जांच करने वाली सीबीआई कर्मचारियो की कमी से जूझ रही है। सीबीआई शिमला शाखा में आलम यह है कि न तो पेचिदा मामलो की जांच के लिए आईओ है और न ही भ्रष्टाचार के मामलों में महिला से पूछताछ या गिरफ्तारी करने के लिए महिला कर्मचारी है। यहां तक की अगर कही दबिश देनी हुई तो वाहन होते हुए भी उसे चलाने के लिए चालक नही है। ऐसे में सीबीआई को सरकारी गाडिय़ा चलाने के लिए भी चालक हायर करना पड़ता है या फिर निजी वाहन का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
सीबीआई के पास 6 कर्मचारियो की कमी है। सीबीआई ने सरकार से 2 इंस्पेक्टर, 2 महिला कांस्टेबल और 2 ड्राइवर को प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आग्रह किया है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कर्मचारियो को प्रतिनियुक्ति पर नही भेजा गया है। सीबीआई को जब किसी मामले में महिला की गिरफ्तारी या पूछताछ करनी होती है तो स्थानीय पुलिस से महिला स्टाफ उपलब्ध करवाने के लिए सम्पर्क करना पड़ता है।
अभी हाल ही में छात्रवृति घोटाले के तहत जब एक महिला की गिरफ्तारी की गई थी तो उस दौरान एसपी शिमला से महिला स्टाफ मांगा गया था। यहां बता दे कि सीबीआई 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। सीबीआई ने नाइलेट के नाम पर चल रहे 9 फर्जी शिक्षण संस्थानों के तीन निदेशकों को गिरफ्तार किया है जो अभी पांच दिन के सीबीआई रिमांड पर है।
सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शिक्षण संस्थानों के निदेशक कृष्ण कुमार, राजदीप सिंह और बबिता राज्टा शामिल हैं। बबिता राज्टा मुख्य आरोपी अरविंद राज्टा की पत्नी है। इन तीनो पर प्रदेश में फर्जी संस्थान खोलकर करीब 30 करोड़ की विभिन्न योजनाओं के तहत विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का आरोप और बिना मान्यता संस्थान चलाने सहित फर्जी दाखिलों के नाम पर करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप है।