बिलासपुर, 27 मार्च : क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में एक चिकित्सक द्वारा मरीजों से पैसें ऐंठने का मामला सामने आया हुआ है। शनिवार दोपहर के समय एक महिला इस मामले की जानकारी देने बिलासपुर एमएस के पास जा पहुंची। जिला अस्पताल में एक चिकित्सक मरीजों के दांतों में तार लगाने के 6 हजार रूपये पहले भी ले चुका था और बाद में भी अन्य पैसों की डिमांड की जा रही थी। ऐसे में उक्त शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी तो वहां पर मौजूद अस्पताल प्रशासन के अधिकारी हक्के-बक्के रह गए।
वहीं, जानकारी प्राप्त हुई है कि मरीज अपना इलाज करवाने के लिए सुबह 10 बजे से जिला अस्पताल में बैठे हुए थे। ऐसे में दोपहर के 2 बजे उक्त चिकित्सक ने मरीज का ईलाज करने का मना कर दिया। चिकित्सक ने कहा कि मैं दांतों की आरसीटी नहीं करता हूं, यह चैकअप अन्य चिकित्सक करेंगे। ऐसे में परेशान मरीज सीधा बिलासपुर एमएस के पास जा पहुंचा।
वहीं, इस संदर्भ में सारे मामले की जानकारी एमएस को बता दी। साथ ही यह भी बताया कि पिछले साल उक्त चिकित्सक ने दांत में तार लगाने के लिए 6 हजार रूपये ले चुका था। साथ ही अब दूसरी तार लगाई जानी थी, उसके पैसे भी चिक्त्सिक को देने थे। ऐसे में जिला अस्पताल बिलासपुर में सरकारी चिकित्सक द्वारा मरीजों से पैसे लेना अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है।
बता दें कि शनिवार दोपहर के समय उक्त समय मामला इतना गर्म हो गया जब इसकी जानकारी उक्त चिकित्सक को पता लगी कि इसकी शिकायत एमएस को दी गई है। ऐसे में उक्त चिकित्सक ने तुरंत प्रभाव से उक्त मरीज के घर में फोन करके उनको धमकियां देना शुरू कर दी। वहीं, इस सारे मामले को लेकर जैसे ही बिलासपुर डाॅ. एनके भारद्वाज से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उक्त चिकित्सक की इस तरह की दर्जनों शिकायतें उनके पास पहुंची हुई है। जिसकी विभागीय जांच चली हुई है।
उन्होंने कहा कि उक्त चिकित्सक ने अपनी ओपीडी में नए कुर्सियां व अन्य टेबल व सामान रखे हुए है। जिसकी अस्पताल प्रशासन को बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। ऐसे में जब कुछ समय पहले ही एमएस ने इसका जवाब मांगा तो उक्त चिकित्सक ने कहा कि वह अपने घर से यह सामान लाया हुआ है। ऐसे में इस मामले की भी विभागीय जांच उक्त चिकित्सक के खिलाफ शुरू हो गई है। एमएस ने बताया कि उक्त चिकित्सक के खिलाफ पहले की दर्जनों शिकायतों की जांच चली हुई है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार उक्त चिकित्सक घुमारवीं में एक अपना निजी क्लीनिक भी चला रहा है। वहीं, उक्त निजी क्लीनिक का कार्य निपटाकर वह जिला अस्पताल में पहुंचते है। ऐसे में निजी क्लीनिक व जिला अस्पताल में एक साथ काम करना तो सरकारी नियमों की अवहेलना करना भी माना जा रहा है।
बिलासपुर एमएस डाॅ. एनके भारद्वाज का कहना है कि इस तरह का मामला ध्यान में आया हुआ है। इस संदर्भ में जल्द ही उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा रहा है। सरकारी अस्पताल में दांत में तार लगाने के 6 हजार रूपये लेना कानूनी अपराध है। उक्त चिकित्सक के खिलाफ पहले भी इस तरह की शिकायतें पहुंची हुई है, जिसकी विभागीय जांच चली हुई है।