हमीरपुर, 13 मार्च : किस्मत मानो 80 वर्षीय तारो देवी से रूठ सी गई है। हालात और वक्त की मार से तारों देवी टूट सी गई है। वक्त और हालात ने तारों देवी के बेटा और बहू को उससे छीन लिया है। वहीं मकान बरसात में ढह गया अब छिपने के लिए केवल शेड ही बचा है। जहां वह अपने पोते को लेकर रहती है। पोता भी अक्षम है और अब (80) उसकी दादी तारो देवी की भी आंखें धूलधुला सी गई हैं। अब न ही रिश्तेदार हालात पूछ रहे हैं। तारों देवी ने अपनी और अपने पोते की किस्मत ऊपर वाले के हवाले ही छोड़ दी है।
स्थानीय लोगों ने भी इस परिवार की प्रशासन से मदद करने की गुहार लगाई है। ग्राम पंचायत भूंपल के कोहला फतेहपुर गांव से यह परिवार रखता है संबंध इस परिवार के मुखिया पति-पत्नी का करीब दशक पहले देहांत हो चुका है। परिवार के मुखिया मनजीत कुमार व धर्मपत्नी सुमना देवी के निधन के बाद उनका इकलौता बेटा ऋतिक कुमार जो अक्षम है। उसका पालन पोषण दादी तारो देवी जैसे-तैसे कर रही है। करीब तीन महीने पहले उनका कच्चा मकान बारिश के कारण गिर गया था। उसके बाद से तारो देवी गंभीर बीमार से ग्रसित अक्षम पोते को लेकर छत की गुहार लगा रही है। लेकिन अभी तक उसे मकान रूपी छत नहीं मिल पाया है।
परिवार को आईआरडीपी की सूची में तो डाला गया है परंतु मकान के लिए जो सरकार की चलाई हुई योजनाएं हैं उन योजनाओं का भी इस परिवार को अभी तक कोई लाभ नहीं मिला है। सिर से छत चली जाने के बाद दादी-पोता गांव में ही एक गाड़ी पार्क करने के लिए बनाए गए गैरेज शेड में रहने को विवश है। ऋतिक दसवीं कक्षा में पढ़ता है और पढ़ने में कुछ कमजोर है जो बीमार रहता है। उन्होंने सरकार व दानी सज्जनों से सहायता की गुहार लगाई है।
इस बारे में पंचायत प्रधान सुशील शीलू ने बताया कि यह परिवार काफी दयनीय स्थिति में है जो इनका कच्चा मकान था बारिश के कारण गिर गया। फिलहाल परिवार को एक शेड में आश्रय मिला है। पंचायत ने प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत इस परिवार का नाम भेजा है। परिवार के मकान का मामला डीसी के समक्ष भी उठाया जाएगा ताकि शीघ्र परिवार को छत मिल सके।