हमीरपुर, 07 फरवरी : आईपीएच विभाग बड्सर के अंतर्गत पड़ने वाली महारल दुख्योड़ा पेयजल स्कीम के तहत कुछ एक गांव के लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। अभी गर्मियों के मौसम शुरू भी नहीं हो पाया है और पिछले चार दिनों से लोग बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। घर घर तक साफ स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल पहुंचाने के आईपीएच विभाग के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं ।
जानकारी ये भी है कि ढटवाल क्षेत्र के कई लोगों ने पेयजल पाइपों से सीधे तौर पर टुल्लू पंप को जोड़कर पानी को स्टोरेज किया जा रहा है। स्टोरेज किए हुए पानी से अपने किचन गार्डन में लगाई हुई सब्जियों की सिंचाई कर रहे हैं। इसके चलते भी लोगों को पेयजल की बूंद-बूंद को तरसा न पड़ रहा है।
हैरत की बात यह है कि एक तरफ संबंधित विभाग लोगों को पेयजल की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने का राग अलाप कर रही है, लेकिन धरातल पर सब कुछ इसके विपरीत है।
मार्च महीने के पहले हफ्ते में ही परियोजना के हांफने से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। महारल व आस पास के लगभग एक दर्जन गांवों को पिछले चार दिनों से आपूर्ति नहीं हो पाई है। लोगों ने आईपीएच विभाग व प्रशासन से तुरन्त इस समस्या का हल करने की मांग की है।
इस संदर्भ में कनिष्ठ अभियंता आईपीएच अनिल धीमान का कहना है कि परियोजना में रिपेयर का काम चला हुआ था, इस वजह से दिक्कत पेश आई है। पेयजल आपूर्ति सुचारू करवा दी जाएगी।