नाहन, 16 जनवरी: हालांकि नगर परिषद के चुनावी नतीजे को सामने आए करीब एक सप्ताह का वक्त हो चुका है, लेकिन इसको लेकर हार-जीत का मंथन जारी है। शनिवार को भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रहे देवेंद्र अग्रवाल ने भी मोर्चा खोल दिया है। अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि अंतिम समय में कांग्रेस प्रत्याशी ने ओछे व अनुचित हथकंडे अपनाएं।
कांग्रेस में लंबे अरसे पहले कोषाध्यक्ष रह चुके अमृत लाल गर्ग पर आरोप लगाते हुए वार्ड नंबर 7 से भाजपा प्रत्याशी रहे देवेंद्र अग्रवाल ने कहा कि गर्ग ने हरियाणा में 20-25 साल से रह रहे अपने रिश्तेदारों के वोट भी डलवाएं। यहां तक की मालोंवाला में रहने वाले अपने कर्मचारियों को भी गलत तरीके से वोट डालने के लिए बुलवाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ने अपने रिश्तेदार, सेवानिवृत एसडीओ को भी नारायणगढ़ से बुलवा कर वोट डलवाया। उन्होंने प्रशासन से कथित धांधली की जांच की मांग की है। अग्रवाल ने कहा कि वो हरियाणा सरकार से भी संपर्क साध कर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे, जिन्होंने हरियाणा से आकर वोट डाले।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि भाजपा ने पहली बार इस वार्ड में 46 फीसदी मत प्राप्त किए हैं। उधर, कांग्रेस के पार्षद राकेश गर्ग उर्फ पपली ने केवल इतना कहा कि चुनाव पारिवारिक संबंधों पर लड़ा गया है। 30 मतदाता ऐसे थे, जिनकी दो बार वोट बनी हुई थी। मतदाता सूचियों का आंकलन समय पर करना हरेक का दायित्व है।
ये है इस वार्ड से जुड़ी कुछ बातें…
वार्ड नंबर 7 को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। यहीं, कांग्रेस के दिवंगत विधायक तपेंद्र सिंह, हितेंद्र सिंह व भाई सुंदर सिंह, कुश परमार व कंवर अजय बहादुर सिंह का नाता रहा है। हालांकि कुश परमार इस वार्ड के स्थाई बाशिंदें नहीं हैं, लेकिन लंबे अरसे तक इसी वार्ड में रहकर राजनीति की है। वार्ड नंबर 7 से कुश परमार ने दो चुनाव लड़े, जिसमें दोनों में ही जीत मिली थी। शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान की पैतृक संपत्ति भी इसी वार्ड में है।
इसके अलावा अगर भाजपा की बात की जाए तो भाजपा की वरिष्ठ नेत्री प्रतिभा कौशिक भी इसी वार्ड की रहने वाली हैं, जिनके बेटे मेजर जनरल अतुल कौशिक को हाल ही में हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग का अध्यक्ष भी बनाया गया था। वहीं, चुनाव हारे देवेंद्र अग्रवाल भी दो बार मंडल अध्यक्ष रहे हैं। साथ ही प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी रह चुके हैं। इसी वार्ड में भाजपा के शीर्ष नेता बलदेव भंडारी का भी घर है। यह अलग बात है कि वो अपने मतों का इस्तेमाल पच्छाद में अपनी गृह पंचायत में करते हैं।
कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश में शायद ही कोई ऐसा वार्ड होगा, जहां पर इस तादाद में नेताओं का संबंध रहा हो।