शिमला/ हमीरपुर, 31 दिसंबर : हिमाचल के नादौन में पुलिस ने नशीली दवाओं का अवैध रूप से कारोबार करने के आरोप में एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। तस्कर मेडिकल स्टोर संचालक है। उसके किराये के कमरे से 24,700 नशीले कैप्सूलों का जखीरा पकड़ा गया है। इनमें ट्रामाडोल के 21,800 टेबलेट, ट्रामाडोल कैप्सूल 2,100 और अल्प्राजोलम के 800 टेबलेट शामिल हैं। इन नशीली दवाइयों के सेवन से शरीर में जोश पैदा होता है, उत्तेजना बढ़ती है। इनका इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के व्यवहार, मनोदशा व विचारों में भी परिवर्तन आता है और उसकी मृत्यु भी हो जाती है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की सिफारिश पर केंद्र सरकार द्वारा इन दवाइयों की खरीद व बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है। जानकारी अनुसार ट्रामाडोल को फाइटर ड्रग के रूप में भी जाना जाता है। कई देशों में आतंकवादियों द्वारा इसका इस्तेमाल करने पर इंटरनेशल एंटी नारकोटिक्स आथॉरिटी ने इस दवा को ड्रग्स की श्रेणी में रखते हुए इसकी खरीद व बिक्री को लेकर सख्त नियम बना दिया है। बिना डॉक्टरों की पर्ची के यह दवा नहीं दी जा सकती है।
तस्कर के पास से बरामद इन नशीली दवाओं की कीमत 5 लाख रुपये है और पुलिस इस मामले के वितीय पहलुओं पर भी जांच कर रही है। आरोपी तस्कर की पहचान सोमदत्त निवासी गांव शेर तहसील रक्कड़ जिला कांगड़ा के रूप में हुई है। आरोपी नादौन में एक मेडिकल स्टोर चलाता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी कई दिनों से इन नशीली दवाओं को बेच रहा था। बुधवार को पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपी का काबू कर लिया।
एसपी हमीरपुर कार्तिकेयन गोकुलचन्द्रन ने पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज किया गया है और उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 5 लाख की नशीली दवाइयां पकड़ी गई हैं और मामले की वितीय जांच कर आरोपी की संपति को सीज किया जाएगा।
गौर हो कि जिला हमीरपुर में नशे की तस्करी बढ़ रही है। इसी माह 10 दिसम्बर को पुलिस ने एक इंजीनियर और उसके साथी को 320 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ रुपये से अधिक है। हमीरपुर में यह पिछले दस सालों में हेरोइन की सबसे अधिक खेप पकड़ी गई है।