शिमला 20 दिसंबर : राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के अंतर्गत बलगम की जांच में तेजी लाने और क्षय रोग (Tuberculosis) को जड़ से समाप्त करने में डाक विभाग (Postal Department), स्वास्थ्य विभाग (Health Department) का सहयोेग करेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (Health Workers) द्वारा विभिन्न स्थानों से बलगम की जांच के लिए एकत्र किए जाने वाले विभिन्न सैंपल्ज को डाक विभाग अपने डाकघर व उपडाकघरों के माध्यम से सीवी नेट केंद्र व अन्य जांच केंद्रों तक पहुंचाएगा। जिससे सैंपल्ज की शीघ्रता से जांच की जा सकेगी और जांच में क्षय रोग का पता चलने पर ऐसे मरीजों का समय पर उपचार आरम्भ किया जा सकेगा।
निदेशक ने बताया कि डाक विभाग के साथ हस्तारित किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य क्षय रोेग अधिकारी डाॅ. गोपाल बैरी ने हस्ताक्षर किए है। उन्होंने बताया कि इस एमओयू के हस्ताक्षरित किए जाने से क्षय रोग की जांच कार्य में तेजी आएगी और स्वास्थ्य विभाग और अधिक प्रभावी तरीके से इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए कार्य कर सकेगा।
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उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न स्थानों से एकत्र किए जाने वाले सैंपल्ज को डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) द्वारा इस संबंध में जारी के दिशा निर्देशानुसार एकत्र करने के बाद पैक किया जाएगा और उन्हें सील(Seal) करने के उपरांत डाकघरों तक पहुंचाया जाएगा। उसके बाद फिर डाक विभाग सैंपल्ज (Samples) को जांच केंद्रों तक पहुंचाएगा। इससे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सैंपल्ज एकत्रित(Sample Collection) करने के बाद उन्हें जांच केंद्र तक पहुंचाना पड़ता था, जिसमें अधिक समय लगता था। राज्य में 25 सीवी नेट मशीनें लगाई गई है जहां पर इन सैंपल्ज की जांच की जाती है।
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप हिमाचल प्रदेश को क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनवरी से जून माह तक जारी आंकड़ों में प्रदेश को देश भर में प्रथम आंका गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के संबंध में जिला स्तर पर जारी आंकड़ों में हमीरपुर जिला को प्रथम स्थान पर आंका गया है।
मिशन निदेशक ने बताया कि भारत सरकार द्वारा यह आंकलन 9 विभिन्न मापदंडों पर किया जाता है। उन्होंने बताया कि राज्य ने कोविड-19 महामारी और लाॅकडाउन के समय में भी इस कार्यक्रम के अंतर्गत उच्च मानकों (Parameters) को बनाए रखा है। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों जैसे सूक्ष्म निगरानी (Micro Monitoring), काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग (Contact Tracing) आदि नई पहल के कारण यह संभव हो पाया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में क्षय रोग की चेन को तोड़ने (Chain Break) के लिए सरकार ने क्षय रोेग डायग्नोज नेटवर्क(Dignois network) बढ़ाया है। राज्य में पिछले 6 माह में आयुर्वेदिक अस्पतालों में 10 चिन्हित माइक्रोस्कोपिंग केंद्र (डीएमसी) और विभिन्न कारागारों में 4 डीएमसी शुरू किए है, जबकि राज्य में 218 डीएमसी पहले से ही कार्य कर रहे है।