नाहन/शिमला, 19 दिसंबर: सिरमौर के राजगढ़ में शराब के कारोबार (Liquor business) में सरकारी खजाने को लगभग डेढ़ करोड़ (15 Million) रुपए की चपत लगी है। इस हैरतअंगेज मामले में आबकारी व कराधान आयुक्त (Excise and Taxation Commissioner) ने राजगढ़ के एक्साइज इंस्पेक्टर हरीश को सस्पेंड (Suspend) करने के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि आयुक्त के स्तर पर पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन बताया यह जा रहा है कि लगभग 50 लाख रुपए की रिकवरी (Recovery) हो चुकी है।
दरअसल, थोक विक्रेता (Wholesaler) से जब शराब को ठेके में लाना होता है तो इसके लिए लाईसेंस फीस (License fee) की अदायगी की जाती है, जो सरकारी खजाने में जमा होती है, लेकिन विभाग के लोग खुद भी इस बात पर हैरान हैं कि बगैर लाईसेंस फीस के ही कैसे शराब के ठेकेदार को परमिट (Permit) जारी किया जाता रहा। मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग भी हैरत में पड़ गया कि कैसे इस स्तर पर एक इंस्पेक्टर द्वारा कोताही की जा सकती है। सूत्रों का ये भी कहना है कि शराब के ठेकेदारों द्वारा डिफाल्टर (Defaulter) होने की स्थिति में अपनी फर्मों के नाम बदल लिए जाते हैं।
जांच इस बात की भी होनी चाहिए कि क्या सोलन में लगभग अढ़ाई करोड़ रुपए के डिफाल्ट करने वालों ने ही राजगढ़ में इस तरीके से कथित घोटाले (Scam) को अंजाम दिया है। सवाल इस बात पर भी उठ रहा है कि क्या एक एक्साइज इंस्पेक्टर द्वारा बगैर लाईसेंस फीस की अदायगी के परमिट जारी करने की हिम्मत जुटाई जा सकती है या नहीं। जानकारों का यह भी कहना है कि सिरमौर के कुछ अन्य इलाकों में भी शराब के इसी ठेकेदार (Contractor) द्वारा कारोबार किया जा रहा है। जांच का विषय यह भी है कि शराब ठेकेदार से जुड़ी बेनामी फर्मों ने पहले भी सरकार के खजाने को चपत लगाई है।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए आबकारी कराधान आयुक्त रोहन चंद ठाकुर ने एक्साइज इंस्पेक्टर को निलंबित (Suspend) करने की पुष्टि करते हुए कहा कि थोक गोदाम से रिटेल परमिट में 30 फीसदी लाईसेंस फीस ली जाती है, जो इस मामले में नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि मामले की पूरी गहनता से जांच चल रही है। आयुक्त ने बताया कि निलंबन के आदेश वीरवार को जारी किए गए थे।