शिमला, 15 दिसंबर: क्या आप जानते हैं, हिमाचल में नाॅन वूवन (प्लास्टिक) के मुकाबले मक्की के दाने से बनने वाले इको फ्रेंडली (Eco Friendly) कैरी बैगस (Carry Bags) सस्ते हैं। दरअसल, पहले नाॅन वूवन बैगस (Non woven bags) सस्ते होने की वजह से कारोबारियों, दुकानदारों, हलवाईयों व सब्जी विक्रेताओं द्वारा इसमें सामान डालकर आपको थमा दिया जाता था। लेकिन अब वो आपको इको फ्रेंडली कैरी बैग में भी खाद्य सामग्री दे सकते हैं, बशर्ते आप भी उनके सामने इको फ्रेंडली कैरी बैग मुहैया करवाने की डिमांड रखें। बता दे कि नॉन वूवन देखने में कपड़े जैसा होता है, लेकिन असल में होता है प्लास्टिक (Plastic)। इसी कारण आंखे (Eyes) धोखा खाती है।
हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब (Himalayan Greens #9418035001) में इको फ्रेंडली कैरी बैगस का उत्पादन भी हो रहा है। अब आपके जहन में सवाल यह भी उठ रहा होगा कि क्यों नाॅन वूवन बैगस महंगे हुए हैं। दरअसल, प्लास्टिक (Plastics) के दाम बढ़ जाने की वजह से नाॅन वूवन बैगस के दाम भी बढ़ गए हैं। अगर दामों का तुलनात्मक अध्ययन (comparative study) किया जाए तो 11’*13″ के नाॅन वूवन बैग की कीमत 1.35 रुपए के आसपास रहती है, जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central pollution control board) द्वारा प्रमाणित इको फ्रेंडली बैग की कीमत 1.20 रुपए तक आ चुकी है। हालांकि प्रदेश में नाॅन वूवन बैगस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध (Ban) लगाने की प्रक्रिया भी जारी है।
रोचक बात यह है कि सरकार ने प्लास्टिक को प्रतिबंधित (Banned) किया हुआ है, लेकिन नाॅन वूवन बैगस का उत्पादन ही प्लास्टिक से होता है। अगर आप घर पर नाॅन वूवन बैग में खाद्य उत्पाद(Eatable goods) लेकर आते हैं तो आप खुद भी इसे परख सकते हैं। जलाने पर नाॅन वूवन बैग से साफ तौर पर प्लास्टिक नीचे टपक कर ठोस आकार ले लेता है। जबकि इको फ्रेंडली बैगस में ऐसा नहीं होता।
दीगर है कि लोग इन बैगस का इस्तेमाल इको फ्रेंडली समझ कर करते हैं, लेकिन स्वास्थ्य पर इसका विपरीत असर पड़ता है। राज्य सरकार ने करीब एक साल पहले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन यह बात उन लोगों की समझ से परे थे, कि सरकार क्यों नाॅन वूवन के चलन को बंद नहीं कर रही, जबकि इसमें प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है।
कुल मिलाकर बाजार से नाॅन वूवन बैग न लेने की जिद आपको ही करनी पड़ेगी। अब दुकानदार या कोई भी कारोबारी भी इस पर राजी आसानी से हो सकता है, क्योंकि पर्यावरण के दुश्मन (Environmental enemies) बैगस की कीमतें भी ज्यादा हैं।