शिमला, 7 दिसम्बर : हिमाचल भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर कृषि विधेयकों को लेकर देश के किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी आज इन विधेयकों का सबसे मुखर विरोध कर रही है, लेकिन कांग्रेस ने इन्हें वर्ष 2019 में जारी अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने सोमवार को शिमला में आयोजित प्रैस वार्ता में कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में साफ-साफ लिखा था कि कांग्रेस एग्रीकल्चर प्रोडयूस मार्केट कमेटी एक्ट को निरस्त कर देगी और कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करेगी, जिसमें निर्यात और अंतर राज्य व्यापार भी शामिल होगा, जो कि सभी प्रतिबंधों से मुक्त होगा।
सुरेश कश्यप ने कहा है कि कांग्रेस का यह घोषणापत्र अब भी उनकी वेबसाइट पर देखा जा सकता है। ये बातें उनके घोषणापत्र में पेज नंबर 17 के प्वॉइंट नंबर 11 में दर्ज है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वायदा किया था कि वह इसेंसियल कोमोडेटी एक्ट को खत्म कर उसकी जगह ईसीए 1955 के नाम से नया कानून लेकर आएगी। इसे भी उनके घोषणा पत्र के पेज नंबर 18 में देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 27 दिसम्बर 2013 को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रैस कॉन्फ्रैंस कर कहा था कि कांग्रेस शासित राज्य एपीएमसी एक्ट के तहत फलों और सब्जियों को डीलिस्ट कर देंगे, ताकि उनके दाम कम किए जा सकें। मगर आज जब एनडीए सरकार ने ऐसा कर दिया तो किसानों को भड़काने में राहुल गांधी ही सबसे आगे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में जो पार्टियां शामिल थीं या फिर जिन्होंने समर्थन दिया था, उनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, डीएमके, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लेफ्ट और टीएमसी समेत कई राजनीतिक दल थे। उस दौरान इन सभी पार्टियों के लोगों ने इस किसान बिल को लेकर अपना समर्थन दिया था, परंतु आज ये सभी पार्टियां कांग्रेस के साथ मिलकर इसका विरोध कर रही हैं तथा किसानों का अहित करने में ये सभी पार्टियां बराबर की दोषी हैं।