शिलाई,27 नवंबर: समाजसेवी विनीता ठाकुर की हत्या को लेकर विनीता न्याय मंच के बैनर तले सैकड़ों लोगो ने रैली निकालकर न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मामले में निष्पक्ष जांच व आरोपी को फांसी देने की मांग की है।
शुक्रवार सुबह लगभग 11 बजे लाधी क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों के लोग शिलाई विश्राम गृह प्रांगण में एकत्रित हुए। एसडीएम कार्यालय तक रैली निकाली गई। जिसके बाद एसडीएम कार्यालय पहुँचकर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में हत्या के आरोपी को फांसी, एसआईटी के गठन, धारा 307 की जगह 302 तथा पुलिस द्वारा की जांच की जानकारी मीडिया सहित समूचे जिला वासियों को दिखाने की मांग की गई है।
क्षेत्रीय लोगो मे रणदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, गुमान सिंह, सुरेंद्र सिंह, सुरेश कुमार, विनोद कुमार, कल्याण सिंह, ओम प्रकाश, राजेन्द्र सिंह, लाल सिंह, सुभाष राणा, अनिल, दलीप सिंह सहित सैकड़ों लोगो ने आरोप लगाया कि चार्जशीट में पुलिस द्वारा हत्यारे को बचाने की कोशिशें की जा रही हैं। 9 नवंबर को विनीत ठाकुर को पेट्रोल डालकर आग लगाई गई , जिस सच्चाई को पुलिस ने विनीता की मौत होने तक छुपाए रखा। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि दोषियों पर जांच के लिए स्पेशल एसआईटी गठित की जाए।
ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विनीता हत्या केस में सरकार व प्रशासन लापरवाही करती है तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा। दीगर रहे कि समाजसेवी विनीता ठाकुर शिलाई उपमंडल के दुर्गम क्षेत्र की हलाह ग्राम पंचायत की रहने वाली थी, जो पिछले कई वर्षों से चाइल्ड हेल्पलाइन में कार्यरत थी।
दिवंगत विनीता ठाकुर बाल विवाह, बालिकाओं को स्कूल भेजना, दलालों को सलाखों के पीछे भेजने का कार्य अव्वल दर्जे पर कर रही थी। जिसकी वजह से शोषण करने वाले लोग भारी मात्रा में विनीता ठाकुर के दुश्मन बन गए थे। अलबत्ता पुलिस कार्यवाही को देखते हुए इस बात को भी नाकारा नहीं जा सकता है कि जांच सही दिशा में जा रही है। मगर ज़िला पुलिस के अधिकारियों द्वारा पीड़िता के परिवार से दूरी बनाना भी संशय पैदा कर रहा है। फ़िलहाल पीड़ित परिवार ने जांच पर सवाल नहीं उठाये है।
उधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बबीता राणा ने कहा कि 22 तारीख को निधन के बाद पोस्टमार्टम होते ही मामले को 302 में कन्वर्ट कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि पहले दिन से ही उनके नेतृत्व में एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है, इसमें साइबर एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं। उन्होंने यह भी माना कि आरोपी द्वारा शुरुआती जांच में पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया गया है।