राजगढ़, 22 नवंबर: बदलते परिवेश के साथ कृषि संबंधि कार्यों व खेतों में हल लगाने के लिए बैलों के न मिलने से सिरमौर के विकास खण्ड राजगढ़ के ग्राम पंचायत बोहल टालिया के गांव कूल्थ (हलोनी पुल) के सूरज पाल को रोजाना मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। हल जोतने के लिए वर्षभर बैलों को पालना पड़ता है। हल से जुड़ी सामग्री बनाने वाले कारीगर भी बदलते दौर में मिलना मुश्किल है।
पहले परिवार के सदस्य स्वयं ही हल जोतते थे, लेकिन इसके लिए भी अब मजदूरों पर निर्भर रहना पड़ता है। लिहाजा उन्हें हर समय यही चिन्ता लगी रहती थी कि बैलों के बगैर खेतों को किस तरह से जोता जाए। इसी उधेड़-बुन में उनका कीमती समय हाथ से निकल जाता था। खेतों को जोतने के लिए बैल व मजदूर न मिलने के कारण उन्होंने खेती-बाड़ी न करने का मन बना लिया था।
इसी दौरान जब खेत जोतने के लिए अन्य विकल्प के बारे में पता करने के लिए क्षेत्रीय आलू विकास (कृषि) कार्यालय राजगढ़ में सम्पर्क किया। कृषि विकास अधिकारी ने उन्हें अवगत करवाया कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा ’’राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना’’ आरम्भ की गई है। इसके अन्तर्गत प्रदेश के किसानों को पावर वीडर खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान/अधिकतम 25 हजार रूपये कृषि यंत्र खरीदने के लिए दिए रहे हैं। इसके बाद सूरज पाल के मन में फिर से खेती-बाड़ी करने की उम्मीद जगी।
कृषि विभाग से कृषि यंत्रों पर मिलने वाली छूट व उपदान की जानकारी मिलने पर सूरज पाल ने वर्ष 2019-20 में ’’राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना’’ के अन्र्तगत पावर वीडर और ब्रश कटर लेने के लिए सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर आवेदन किया। आवेदन करने के लगभग एक-डेढ़ महीने में ही क्षेत्रीय आलू विकास कार्यालय राजगढ़ द्वारा सूरज पाल को ’’राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना’’ के अन्र्तगत पावर वीडर के लिए 25 हजार रूपये तथा ब्रश कटर लेने के लिए 7 हजार 500 सौ रूपये उपदान दिया गया।
इस योजना की सहायता से सूरज पाल ने 56 हजार रूपये लागत की पावर वीडर तथा 15 हजार रूपये लागत वाला ब्रश कटर लिया जिसपर उन्हें हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से कृषि विभाग के माध्यम से इन दोनों यंत्रों पर 32 हजार 500 सौ रूपये का उपदान दिया गया, जबकि सूरज पाल ने पावर वीडर व ब्रश कटर खरीदने के लिए केवल 38,500 रूपये ही अपने जेब से दिए।
यंत्र की सहायता से इस वर्ष उन्होंने अपने खेतों में लससुन, बीन व शिमला मिर्च लगाया और इन फसलों की अच्छी पैदावार होने से उनकी आय में पहले वर्ष की अपेक्षा अधिक आय प्राप्त हुआ है। सूरज पाल का कहना है कि इस वर्ष उन्होंने लहसुन से 3.50 लाख रूपये और बीन से 15 से 20 हजार रूपये तथा शिमला मिर्च से 10 से 15 हजार रूपये कमाए हैं यानि उन्होंने लगभग 3.85 लाख रूपये की आय अर्जित की।
उनका कहना है कि पावर वीडर तथा ब्रश कटर के अनेक फायदे हैं। पावर वीडर से खेतों की जुताई करना आसान है और इस यंत्र को चलाने के लिए अधिक लोगों की आवश्यकता भी नहीं होती है, परिवार का एक ही सदस्य इसे चला सकता है और अपनी इच्छा के मुताबिक इसे ऑपरेट भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस यंत्र का एक और फायदा यह भी है कि जब चाहे खेतों की जुताई तो कर सकते ही हैं और इसके अलावा पावर वीडर द्वारा पूरे दिन काम करना हो या फिर आधे दिन या एक से दो घण्टे काम करना हो, ये सब किसान की मर्जी पर निर्भर करता है, जबकि बैलों द्वारा खेतों की जुताई करने में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता था और कम से कम 2-3 लोगों की आवश्यकता भी पड़ती थी।
सूरज पाल का कहना है कि इसी तरह ब्रश कटर के भी अनेक लाभ है। इस मशीन से किसान कम समय में ज्यादा मात्रा में घास की कटाई कर सकता है और घास काटने के लिए मज़दूर लगाने की आवश्यकता भी नही पड़ती है। ब्रश कटर से निराई-गुड़ाई के साथ झाड़ियों की सफाई भी कर सकते हैं। इस यंत्र से जहां घास व झाड़ियां काटने में सुविधा होती है वहीं समय और धन दोनों की बचत भी होती है।