शिमला, 10 नवंबर : कहते हैं, जिनके घर में होती हैं बेटियां, वो तो परियों के देश में रहते हैं। इन पंक्तियों (lines) को शिमला के कुकरेजा होटल कारोबारी (Kukreja Hotel Businessman) परिवार की बेटी ने सार्थक कर दिखाया है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि मात्र 20 साल की उम्र में बेटी कुदरत कुकरेजा की उपलब्धियों (Achievements) की फेहरिस्त लंबी (List long) हो चुकी है। एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई के साथ-साथ एक लेखक व वक्ता (Writer and speaker) भी है तो फिजियो थेरेपी (Physio therapy) में भी महारथी है।
महज एक मिनट 53 सैकेंड में मानव शरीर की 206 हड्डियों (206 bones of human body) के वैज्ञानिक (Scientist) नाम लिखकर एक रिकाॅर्ड भी अपने नाम कर लिया है। अब सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही सबसे कम समय में मानव शरीर की 206 हड्डियों का नाम लिखने पर कुदरत कुकरेजा को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड (Limca Book of World Records) से प्रमाणपत्र भी हासिल हो जाएगा।
बता दें कि 20 साल की उम्र से पहले ही कुदरत द्वारा 6 डिवाइन पुस्तकों को भी लिखा जा चुका है। गत वर्ष इंडिया बुक ऑफ रिकाॅर्डस द्वारा कुदरत को अलंकृत (Embellished with nature) किया गया था। होनहार बेटी को अपनी मां से भी संस्कार मिले हैं, जो एक आर्ट ऑफ लिविंग (Art of Living) की टीचर हैं।
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एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही कुदरत कुकरेजा का कहना है कि कुछ समय बाद लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड द्वारा प्रमाणपत्र (certificate) जारी किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में कुदरत ने कहा कि अगर आपका रिकाॅर्ड खारिज होता है तो तुरंत ही आपको ई-मेल के माध्यम से जानकारी दे दी जाती है। लेकिन उन्हें कोई भी इस तरह का ई-मेल नहीं मिला है, लिहाजा उनका रिकाॅर्ड बन गया है। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि एमबीबीएस की पढ़ाई ही अपने में काफी कठिन होती है। इसके साथ-साथ अतिरिक्त गतिविधियों में बड़ी उपलब्धियां हासिल करना सामान्य बात नहीं हो सकती।
कुदरत का यह भी कहना है कि एमबीबीएस की पढ़ाई को भी इस कारण चुना है, क्योंकि आज भी रिमोट (Remote) इलाकों को स्वास्थ्य सेवाओं (Medical Facilities) की दरकार है। कुल मिलाकर यह माना जा सकता है कि अगर हौंसलों में दम हो, साथ ही कुछ कर गुजरने की चाह हो तो मंजिल मिल सकती है।