नाहन, 09 नवंबर : एक दिन की चांदनी-फिर अंधेरी रात। ये शब्द ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) पर खरा उतर रहे हैं। 6 नवंबर को अपने ही कंट्रोल रूम (Control Room) के नजदीक वाहनों के जमावड़े को हटाकर प्रशंसा हासिल की थी, लेकिन सोमवार 12 बजे के आसपास दोबारा वैसा ही वाहनों का जमावड़ा नजर आया। आलम यह था कि ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल रूम के सामने ही एक तरफ जहां दो पहिया वाहन पार्क थे, वहीं दूसरी तरफ भी वाहनों की कतार लगी हुई थी। इससे आगे सिटी हार्ट (City Heart) के नजदीक भी वही पुरानी तस्वीर सामने थी, जैसी नवंबर से पहले थी।
सवाल ये उठता है कि ट्रैफिक पुलिस अपने ही कंट्रोल रूम के दायरे में ही वाहनों को क्यों नियंत्रित नहीं कर पा रही है। कंट्रोल रूम से नया बाजार की चढ़ाई तक पैदल चलने वालों को खासी दुश्वारियों (Bad-tempered) का सामना करना पड़ता है। पुलिस एक दिन चालान करने के बाद इतिश्री कर लेती है, जबकि इलाकों का चयन कर कार्रवाई रोज होनी चाहिए, ताकि मूलतः वाहन धारकों की आदत में सुधार आ सके। जानकारों का कहना है कि अगर सख्ती बरती (Strictness) जाए तो निश्चित तौर पर वाहनों के जमावड़े भी सड़कों पर कम नजर आएंगे, क्योंकि शहर को एक छोर से दूसरे छोर से पैदल भी बड़ी आसानी से नापा जा सकता है।
उधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(ASP) बबीता राणा ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस कक्ष व चौकियों के स्टाफ को इस बात के निर्देश दिए जाएंगे कि आसपास के इलाकों में तो कम से कम ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखा जाए। उनका कहना था कि चौगान के ईर्द-गिर्द की पार्किंग को लेकर पहले भी मौखिक शिकायत मिली थी। इसके बाद कार्रवाई की गई थी।