शिमला, 02 नवम्बर : 7 महीनों के लंबे अंतराल के बाद आज देशभर के स्कूलों (Schools) व कॉलेजों में नियमित कक्षाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि अभी पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों (Students) को स्कूल नहीं बुलाया गया है, लेकिन नौवीं से बारहवीं व कॉलेजों (Colleges) की नियमित कक्षाएं शुरू हो गई हैं। इससे पहले भी 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया गया था, लेकिन उस समय इस बात का जिक्र किया गया था कि नियमित कक्षाएं नहीं लगेगी अर्थात विद्यार्थी चाहे तो वह स्कूल में आकर अध्यापकों से अपनी समस्याओं का हल व अध्यापकों से मार्गदर्शन के लिए आ सकते हैं। अब सरकार ने फैसला लिया है कि नौंवी से बाहरवीं व कॉलेज में विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं होगीं, लेकिन इसमें भी अनिवार्य (Mandatory) नहीं है कि आपको स्कूल आना ही है। दरअसल सरकार ने कई लाइन में स्पष्ट किया है कि अभिभावकों की सहमति के बाद ही विद्यार्थी स्कूल में प्रवेश करें जो भी विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज में प्रवेश कर रहा है उसके पास अभिभावकों का लिखित सहमति पत्र (Consent) होना अनिवार्य है और वह अपनी नियमित कक्षाएं लगा सकता है तथा जिन विद्यार्थियों को विद्यालय आने की सहमति नहीं मिलती, उनकी ऑनलाइन कक्षाएं (Online classes) जारी रहेंगी।
वहीं जब एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जानकारी जुटाई तो पाया कि बॉय स्कूल सोलन (Boy school Solan)में 739 बच्चों में से केवल 3 बच्चे ही स्कूल आए। हालांकि बताया जा रहा है कि तीन ऐसे भी बच्चे स्कूल आए थे जिनके पास अभिभावकों का सहमति पत्र नहीं था, लिहाजा उनको वापस घर भेज दिया गया। प्रधानाचार्य विपेंद्र काल्टा ने बताया कि काफी कम बच्चे स्कूल आए हैं, स्कूल में जो बच्चे आए हैं, सिर्फ उन्हें तभी प्रवेश दिया गया है अगर उनके पास अभिभावकों का सहमति पत्र है। डिग्री कॉलेज सोलन में भी बच्चे कॉलेज नही आए। खबर लिखे जाने तक कोई भी विद्यार्थी उपस्थित नहीं था ।
वहीं एक अन्य जानकारी के मुताबिक अन्य जिलों के स्कूलों में भी बच्चे बहुत कम आए हैं। एक जानकारी के मुताबिक सोलन के जिस स्कूल में लगभग 12 से बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे, वहां केवल 25 बच्चे ज उपस्थित हुए हैं। देखना यह होगा कि क्या आने वाले दिनों में भी उपस्थिति इतनी ही रहती है या फिर घटती या इसमें कुछ इजाफा होता है। फ़िलहाल स्कूल आने को लेकर बच्चों में रूचि नहीं दिख रही है।
बता दें कि विद्यार्थियों के लिए यह भी राहत है कि कॉलेज में प्रथम व द्वितीय वर्ष में पढऩे वाले छात्रों को बिना परीक्षा के प्रमोट (Promote) करने का फैसला भी लिया गया है। इसमें लगभग 60 हजार छात्र थे। छात्रों को इस बात की चिंता सता रही थी कि उनकी अगली कक्षा की पढ़ाई तो शुरू हो गई थी, लेकिन उन्हें अपनी पिछली कक्षा के बारे में न तो इस बात की स्पष्टता थी कि उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा और न ही उन्हें स्पष्ट था कि उनकी परीक्षाएं होंगी, लेकिन 27 अक्तूबर को हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) ने इन सभी सवालों को विराम लगा दिया।
वहीं, हिमाचल के कुछ स्कूलों में अध्यापक कोरोना संक्रमित भी पाए गए हैं, जिस कारण उन स्कूलों को फिलहाल बंद करने का फैसला लिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर स्कूल के बच्चे किस तरह कक्षाएं नियमित रूप से लगा सकेंगे क्योंकि एक आंकड़े के मुताबिक मंडी जिला में लगभग 23 अध्यापक व स्कूल का स्टाफ पॉजिटिव पाया गया है। बता दें कि सरकार ने स्कूल खोलने से पहले सभी जिलों को इस बात के निर्देश दिए हैं कि सभी टीचरों के सैंपल लिए जाए तथा उनकी जांच की जाए। उधर, इस बात को स्पष्ट किया गया था कि खांसी जुखाम वाले अध्यापक स्कूल न आए और अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं। फिलहाल बड़ी बात यह है कि 7 महीने के लंबे अंतराल के बाद आज नौवीं से 12वीं के स्कूल व कॉलेज खुल गए हैं।