संगडाह, 26 अक्तूबर : बहुचर्चित शो कौन बनेगा करोड़पति में छत्तीसगढ़ की फूलबासन यादव ने किंकरी देवी संबंधी सवाल का सही जवाब देकर 50 लाख का ईनाम जीता। केबीसी में उनसे पूछा गया था कि हिमाचल की कौन सी महिला (Women) को अवैध खनन (Illegal mining) रोकने अथवा पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) के लिए अपने राज्य में जोरदार आवाज उठाने के लिए जाना जाता है। फूलबासन बाई के साथ इस शो में सेलिब्रिटी रेणुका शाहने भी उनके सहयोगी के रूप शामिल थी। गौरतलब है कि फूलबासन यादव छत्तीसगढ़ में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाले एक संगठन को चलाने वाली समाजसेविका हैं तथा किंकरी देवी की तरह ही उनका बचपन व जवानी बुरे दौर से गुजरे। एपिसोड 12 में शुक्रवार को पूछे गए इस सवाल से संबंधित वीडियो किंकरी देवी के गृह क्षेत्र संगड़ाह कस्बे में काफी चर्चित है।
पर्यावरण के दुश्मनों माफिया की छाती पर मूंग दलने वाली इस साहस की प्रतिमूर्ति का 30 दिसम्बर 2007 को दोनों गुर्दे खराब होने के बाद इलाज के अभाव में निधन हो गया था। तब से अब तक उनकी स्मृति में प्रस्तावित किंकरी देवी (Kinkri Devi) का पार्क निर्माण(Park construction) कार्य पूरा नहीं हो पाया है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति(International fame) प्राप्त इस पर्यावरण प्रेमी की स्मृति में उनके गृह नगर संगड़ाह में निर्माणाधीन पार्क का निर्माण कार्य एक बार फिर बंद हो गया है। पिछले एक माह से उक्त पार्क का निर्माण कार्य बंद होने पर किंकरी देवी पार्क समिति(Committee) ने नाराजगी जताई।
समिति अध्यक्ष विजय आजाद ने जल्द निर्माण कार्य पूरा करवाने की अपील की। राजस्व विभाग अथवा प्रशासन द्वारा डिग्री कॉलेज संगड़ाह के समीप मंडोली नामक स्थान पर इसके लिए करीब 8 बीघा 11 बिस्वा भूमि (Land) उपलब्ध करवाई गई है। इस बहुचर्चित पार्क में आर्ट गैलरी (Art Gallery) बनाने तथा राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किंकरी देवी की प्रतिमा लगाने व यहां पर्यटन विभाग का कैफे व पर्यटक सूचना केन्द्र (Tourism information Center) बनाए जाने की प्रपोजल भी लंबित है।
उपायुक्त सिरमौर आरके परूथी द्वारा 19 दिसम्बर 2019 को पार्क का निरीक्षण किए जाने के बाद करीब 12 साल से लंबित उक्त पार्क के निर्माण में हांलांकि तेजी आई थी, मगर इन दिनों एक बार फिर निर्माण कार्य बंद है। विभिन्न स्थानीय संगठनों की शिकायत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा पहली अगस्त 2016 को दिए गए निर्देशों के बाद उक्त पार्क के लिए शुरूआती बजट व सरकारी जमीन का प्रावधान हो चुका था।