आनी, 19 अक्टूबर/राकेश शर्मा : प्रस्व के बाद पोषण संबंधी जरूरतें हो या फिर अन्य छोटे मोटे खर्च, अक्सर महिलाओं (Women) को इन खर्चों के लिए परिवार पर निर्भर रहना होता है। इन जरूरतों को समझते हुए केंद्र सरकार (central government) ने लोकप्रिय मातृ वंदना योजना शुरु की। योजना महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हो रही है और इसे हर लाभार्थी तक पहुंचाने के लिए भरसक प्रयास भी किए जा रहे हैं। कई बार स्वरोजगार (Self employment) से जुड़ी महिलाओं को प्रस्व के समय उनके द्वारा अर्जित की जा रही आय से वंचित होना पड़ता है, इसकी भरपाई के लिए भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना उम्मीदों पर खरा उतर रही है। जिला कुल्लू के आनी उपमंडल में भी महिलाओं के लिए यह योजना मददगार साबित हो रही है।
खोबड़ा गांव की शबनम ठाकुर, कराणा गांव की रंजना नेगी और नगान गांव की मितू ठाकुर भी उन महिलाओं में शामिल हैं जिनको प्रधानमंत्री मातृवंदना (Pradhan Mantri Matravandana Scheme) का लाभ मिला है। इन महिलाओं ने सरकार की इस कल्याणकारी योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योजना के सही प्रकार से क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) का आभार जताया है। इन महिलाओं का कहना है कि प्रस्व के बाद महिलाओं की पोषण संबंधित जरूरतों, शिशु की देखभाल सहित विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए यह योजना काफी कारगर है। महिलाओं को विभिन्न प्रकार की आवश्यकातओं को पूरा करने के लिए योजना के तहत दी जा रही राशि मददगार है। कई स्वरोजगार से जुड़ी महिलाओं को उनकी आय की भरपाई के लिए भी यह राशि सहायक है।
इस योजना की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। इस साल जून महीने तक आनी उपमंडल के आनी ब्लॉक में इस योजना के तहत अभी तक 50 लाख 1 हजार रुपए की राशि गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) को दी जा चुकी है। ये राशि बीते साढ़े तीन सालों में 1 जनवरी 2017 के योजना लागू होने के बाद गर्भवती महिलाओं को जारी की जा चुकी है। महिलाओं को राशि तीन किश्तों में जारी होती है। सीडीपीओ आनी विपाशा भाटिया का कहना है कि योजना के तहत संस्थागत प्रस्व (Institutional delivery) के मामलों में हर लाभार्थी गर्भवती महिलाओं को राशि जारी की जाती है। विभाग इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रतिबद्ध है। गर्भवती महिलाएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi Worker) से इस संबंध में पूछताछ कर सकती हैं।
क्या है प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए जनवरी 2017 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) पूरे देश में चलाई गई है। योजना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Child Development) द्वारा संचालित किया जाता है। इसके तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना होता है ताकि वह खुद के साथ-साथ अपने नवजात की भी देखभाल कर सकें।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उददेश्य
योजना का उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल और संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके अलावा महिलाओं को पहले छह महीनों के लिए प्रारंभिक और विशेष स्तनपान और पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है। साथ ही गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करना योजना के तहत शामिल है।
किसे मिलता है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ
सभी गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाली माताएं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने के लिए पात्र मानी गई हैं। योजना का लाभ पाने के लिए जरूरी है कि महिला की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। हां, एक बात ध्यान करने वाली यह है कि सरकारी कर्मचारी (Government employee), किसी अन्य कानून से लाभ पा रही प्राइवेट कर्मचारी या फिर पहले सभी किस्तें पा चुकी महिला को इसका लाभ नहीं होगा। सरकारी कर्मचारी की सेवाशर्तों में वेतन सहित मातृत्व अवकाश (maternity leave) जैसे लाभ पहले से ही जुड़े होते हैं जबकि प्राइवेट संस्थान में काम करने वाली महिला अगर किसी अन्य कानून के तहत मातृत्व लाभ की सुविधा प्राप्त कर रही है तो वह भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त नहीं कर सकती है। साथ ही साथ किसी अन्य योजना का लाभ ले रही या फिर इसी योजना के तहत लाभ ले चुकीं महिलाओं को भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से वंचित रहना पड़ सकता है। कुछ निश्चित श्रेणियों को छोड़कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका और आशा इस योजना का लाभ ले सकती हैं।
तीन किस्तों में मिलती है मदद राशि
पहली किस्त 1000 रुपए की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण (Registration) के समय प्रदान की जाती है। दूसरी किस्त को गर्भावस्था के 6 महीने बाद और प्रसव के पहले दिया जाता है। दूसरी किस्त में लाभार्थी को 2000 रुपए मिलते हैं। तीसरी किस्त तीसरी किस्त बच्चे के जन्म और उसके पंजीकरण तथा तमाम टीकाकरण के प्रथम चक्र पूरा होने पर मिलती है। इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपए दिए जाते हैं। 1000 रुपए का अतिरिक्त लाभ जननी सुरक्षा योजना के तहत 35 हजार रुपए से कम आय और बीपीएल में शामिल महिला को प्रसव के तहत दिया जाता है।
कैसे करें आवेदन
आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का संचालन किया जाता है। महिलाएं वहां जा कर इस योजना के लिए पंजीकरण करा सकती हैं। इसके लिए आंगनबाड़ी के माध्यम से ई-अप्लाई (E-application) कर सकते हैं।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
आधार कार्ड की फोटोकॉपी (Aadhaar Card Photocopy)
बैंक या पोस्ट ऑफिस खाता की पासबुक (Bank or post office account passbook)
आधार न होने पर पहचान संबंधी अन्य विकल्प (Other identification-related options if not Aadhaar)
पीचएसी या सरकारी अस्पताल से जारी स्वास्थ्य कार्ड (Health card issued by peach or government hospital)
सरकारी विभाग या संस्थान से जारी कर्मचारी पहचान पत्र (Employee ID card issued from government department or institute)