कुल्लू, 11 अक्तूबर : हिमाचल का कुल्लू जिला पर्यटन की दृष्टि से यहां पर पाई जाने वाली बर्फीली चोटियों, कल-कल करती नदियों, झर झर करते झरनों, शांत और सुरम्य झीलों, घने जंगलों, सुन्दर वादियों और दर्रों के लिए विख्यात है। कुल्लू मनाली का पर्यटन अब धीरे धीरे पुरे कुल्लू जिला में फैल रहा है। यहां पर पर्यटकों को घुमने फिरने के लिए प्राकृतिक सौंदर्य से लवरेज अनेकों खुबसूरत स्थल मौजूद हैं। जिला के उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी भी कई अति सुन्दर प्राकृतिक दृश्यावलियों और खुबसूरत झरनों से भरी पड़ी है। प्रकृति कितनी शान्त और अदभुत होती है इसका असली एहसास तीर्थन घाटी में किया जा सकता है।
तीर्थन घाटी की दूर दराज ग्राम पंचायत श्रीकोट में भी कई ऐसे खूबसूरत स्थल मौजूद हैं जहाँ पर शायद ही अभी तक पर्यटकों के कदम पड़े हो। इसी पंचायत में शरेडा बार्ड के अंतर्गत भरयाडा नामक स्थान पर यह अति सुन्दर प्राकृतिक झरना मौजूद है। इस झरने को स्थानीय भाषा में भरयाडा छो कहते हैं। यहाँ पर घाटी के महशूर स्थानीय देवता भरयाडू का पवित्र स्थान भी है। तीर्थन की जिस जल धारा से यह झरना बहता है इसका नाम भी भरयाडा गाड़/खडड है। इस स्थान पर दुर-दुर से लोग अपने देवता की पालकी रथ के साथ आते है और पूजा अर्चना व धार्मिक अनुष्ठान करने के पश्चात वापिस चले जाते हैं। कई श्रदालु झरने से थोड़ी दुरी पर स्थित गुफा में ही रात्री विश्राम करते हैं। समूची तीर्थन घाटी के पहाड़ों, वृक्षों, नदी नालों के संगम स्थलों, झीलों, झरनों आदि में यहां के देवताओं का वास होता है इसलिए तीर्थन घाटी को देवभूमि भी कहते हैं। बुजुर्गों का कहना है कि इन पवित्र स्थानों में जोर-जोर से चीखना चिल्लाना, दौड़ना भागना और चटकीले रंगों वाले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए तथा इन स्थानों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तीर्थन रेंज ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शाईरोपा के वनपरिक्षेत्राधिकारी भूपेन्द्र शर्मा का कहना है कि पार्क क्षेत्र के अन्दर पर्यटकों के लिए सुविधाएं जुटाई जा रही है। पार्क एरिया में मौजूद झरनों को चिन्हित किया जाएगा और वहाँ तक पर्यटकों के सुलभ आवागमन हेतु रास्तों के निर्माण किया जा रहा है।
यहाँ पर प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में सैलानी दस्तक दे रहे हैं। कोरोना काल के दौरान तीर्थन घाटी में पर्यटन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है और यहाँ पर आने वाले सैलानी भी कुछ नया देखने और पहाड़ों पर चढ़ने के लिए आतुर है। समूची तीर्थन घाटी के पहाड़ों पर कई छोटी बड़ी नदियों, नालों, झरनों, झीलों और खड्डों का जाल बिछा हुआ है। भीड़ भाड़ और कोलाहल से दूर इन प्राकृतिक स्थलों के सौंदर्य का आनंद लेने के लिए पहाड़ों पर पैदल ही चढ़ना पड़ता है। इस लेख में हम आप को तीर्थन घाटी के एक ऐसे ही खूबसूरत और गुमनाम झरने के बारे में जानकारी दे रहे हैं। ऊँचे पहाड़ों और घनघोर जंगल के बीच छिपे इस झरने का गिरता पानी हर किसी के मन और मस्तिष्क को शान्त कर देता है। झरने की सुरलेहरिओं का शोर महसूस करना ही वास्तव में रोमांच से भर देता है।