हरिपुरधार, 01 अक्तूबर: वीरवार को हरिपुरधार में एचआरटीसी (HRTC) के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे। लोग सुबह करीब 9 बजे ही बाजार के मुख्य चौराहे पर एकत्रित हुए और एचआरटीसी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों (Protesters) का आरोप है कि पिछले करीब डेढ़ दशक से भी लंबे समय से एचआरटीसी ने जिला मुख्यालय नाहन से बढ़ोल के लिए एक सरकारी बस सेवा शुरू की थी। पूरे क्षेत्र के लिए यह एकमात्र बस सेवा थी, जिसे एचआरटीसी ने तीन-चार दिन पहले बंद कर दिया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रोजाना दर्जनों लोग इस बस से अपने कार्याे को कराने के लिए जिला मुख्यालय नाहन जाते थे और शाम को इसी बस से वापस अपने घर जाते थे। इस बस सेवा के बंद होने से लोगों को अब नाहन आने जाने के लिए तीन दिनों से अधिक का समय लग जाएगा।
किराया पूरा…टिकट नहीं
दौलत राम, गोपाल सिंह, आत्मा राम, सुरेंद्र, नरेश कुमार, केदू, हीरा सिंह, रमेश व वेद आदि प्रदर्शनकारियों ने बताया कि घाटे का बहाना लगाकर तीन चार दिन पहले एचआरटीसी ने नाहन-बढ़ोल बस सेवा को बंद कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बढ़ोल से रोजाना इस बस में करीब 25 से 30 सवारियां बैठती हैं। हरिपुरधार से आगे बस की सिटिंग पूरी हो जाती है। बस जब हरिपुरधार से बढ़ोल की और आती है तो कंडक्टर किराया तो पूरा वसूल करते हैं, मगर टिकट देने में आनाकानी करते हैं।
हैरानी की बात यह है कि बस की चेंकिग कभी नहीं होती है। यदि यह बस घाटे में जा रही है तो इसके लिए निगम खुद जिम्मेदार है। उधर क्षेत्रीय प्रबंधक राशिद शेख ने कहा कि सरकार के साफ आदेश हैं कि जो लोकल रुट घाटे में चल रहे हैं, उन्हे बंद किया जाए। उन्होंने बताया कि नाहन-बढ़ोल बस रुट पर तेल का खर्चा भी पूरा नही हो रहा है।
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