शिमला, 11 सितंबर : ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना न करने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने आईपीएच (IPH) विभाग के प्रिसिंपल सैक्रेटरी, इंजीनियर-इन-चीफ, अधीक्षण अभियंता शिमला सर्कल और कार्यकारी अभियंता, सुन्नी डिविजन, शिमला को ज़मानती वारंट जारी कर उनको कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने ये आदेश तत्कालीन ट्रिब्यूनल द्वारा 23 अप्रैल 2019 को पारित आदेशों की अनुपालना न करने के लिए गोविंद सिंह द्वारा दायर याचिका पर पारित किए।
ट्रिब्यूनल ने सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए थे, कि वह प्रार्थी को 60 वर्ष की आयु तक विभाग में सेवा करने दे। प्रार्थी ने प्रतिवादियों द्वारा उसका वेतन 12 फीसदी ब्याज सहित जारी करने का निर्देश देने की प्रार्थना की है।
दरअसल तत्कालीन ट्रिब्यूनल को समाप्त करने के बाद, याचिका उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दी गई थी। विभाग के उत्तरदायी अधिकारियों को अनुपालना शपथ पत्र दायर करने के लिए कई अवसरों के बावजूद दायर नहीं किया गया था। प्रतिवादियों को 10 सितंबर 2020 को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश भी दिया गया था। अनुपालना शपथ पत्र दाखिल करने में विफलता के मामले में उन्होंने न तो स्पष्टीकरण दिया और न ही व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। इसके अलावा उपस्थिति से छूट के लिए उनकी ओर से कोई आवेदन भी दायर नहीं किया गया था। न्यायालय ने पाया कि इन परिस्थितियों में प्रतिवादियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। मामले पर सुनवाई 6 अक्तूबर को होगी।
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