रिकांगपिओ (जेएस नेगी): टापरी के पास टापरी-चगांव संपर्क मार्ग पर ऋषिकेश से जनकपुरी मोड़ तक भारी भूस्खलन होने से टापरी-चगांव संपर्क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। वहीं भूस्खलन क्षेत्र में रह रहे लोगों के कई मकान भी भूस्खलन की चपेट में आए हैं। सोमवार रात 8 बजे से प्रात: 3 बजे तक करीब 800 का भाग पूरी तरह धंस गया है, जिस कारण क्षेत्र के करीब 10 परिवारों को विस्थापित करना पड़ा है। दो दिनों से हो रहे इस भूस्खलन से क्षेत्र में दहशत का महौल बना हुआ है।
अगर भूस्खलन इसी तरह होता रहा तो ओर कई मकानों सहित सेब के बगीचे भी इस भूस्खलन की जद मेंं आ सकते हैं। भूस्खलन की खबर मिलते ही विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने घटनास्थल का दौरा किया। उनके साथ एसडीएम भावानगर नीलम दुल्टा सहित पूरा प्रशासनिक अमला साथ थे। दौरे में नेगी ने विस्थापित किए गए दस परिवारों को 10-10 हजार रुपए फौरी राहत के रूप में देने के निर्देश दिए। नेगी ने कहा कि इस भूस्खलन से जिन परिवारों के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए है उन परिवारों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए दिए जाएंगे।
भूस्खलन के जिन दस परिवारों को विस्थापित किया गया है, उन्हें स्कूल भवन व जेएसडब्लयू शैडों में शिफ्ट किया जाएगा। नेगी ने घटनास्थल जा कर प्रशासन को निर्देश दिया कि इस भूस्खलन से जो चगांव संपर्क मार्ग बंद हुआ है। इस स्थान पर वैकल्पिक सडक़ बनाने के लिए शीघ्र सर्वे करने के निर्देश दिए। वहीं नेगी ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि टापरी के पास पुराना हिंदुस्तान मार्ग को शीघ्र बहाल करें। इस दौरान भूस्खलन से प्रभावित परिवारों ने विधानसभा उपाध्यक्ष के समक्ष अपनी समस्याएं रखी।
लोगों ने कहा कि जिस स्थान पर भूस्खलन हो रहा है, वहां पानी देखा गया है। उन्होंने आशंका जताई है कि यह पानी करछम-वागंतू परियोजना टनल का पानी लीक हो रहा है, जिस कारण क्षेत्र में भूस्खलन हो रहा है। गौर रहे कि इस से कुछ दूरी पर उरनी ढांक पर भी पिछले दो वर्षो से भूस्खलन जारी है। अगर भूस्खलन जारी रहा तो न केवल लोगों के मकानों को खतरा बना हुआ है, बल्कि कई बीघा सेब के बगीचे भी इस भूस्खलन की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा है।