मंडी (विरेंद्र भारद्वाज): मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने प्रदेश सरकार से शीतकालीन विधानसभा सत्र में अनाधिकृत घोषित किए गए मकानों को नियमित करने के लिए एकमुश्त नीति पेश करने की मांग की है। समिति ने इस बारे में चर्चा के लिए शनिवार को यहां के विश्वकर्मा मंदिर हाल में एक बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता समिति के प्रधान अमर चंद वर्मा ने की।
इस मौके पर समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत दो नवंबर को मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह के ओएसडी अमित पाल सिंह के माध्यम से एक ज्ञापन प्रदेश को प्रेषित किया गया है। समिति की मांग है कि प्रदेश सरकार इसी शीतकालीन विधानसभा सत्र में अनाधिकृत घोषित किए गये भवनों को नियमित करने के लिए एकमुश्त पालिसी लाए। जिसके तहत नक्शे के बगैर या नक्शे से हट कर अपनी मलकियत भूमि में बने मकानों को कुसुमपटी के तर्ज पर नियमित किया जाए और लोगों को बिजली-पानी की मूलभूत सुविधाएं बहाल की जाए।
समिति ने मांग की है कि टीसीपी के कडे नियमों के तहत लोगों को अपने आशियाने बनाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। इन नियमों के तहत जहां लोगों को बिजली पानी की सुविधा से वंचित कर दिया गया है। वहीं पर सरकार को इन सुविधाओं को मुहैया करने से मिलने वाले टैक्स से भी वंचित रहना पड रहा है। समिति ने मांग की है कुछ फीसदी डैविएशन की जगह सौ फीसदी तक डैविएशन नियमित की जाए।
बैठक में मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) के सलाहकार हितेन्द्र शर्मा, संगठन सचिव प्रदीप परमार, महासचिव चंद्र मणी वर्मा, प्रेस सचिव समीर कश्यप, धर्मपाल कपूर, विमल वालिया, सुनील, कमला देवी, मुरारी लाल शर्मा, अवनिंदर सिंह तथा महिन्द्र सिंह राणा मौजूद थे।