नाहन – लिंग अनुपात में सिरमौर जिला की स्थिति देश के अन्य जिलों के मुकाबले काफी बेहतर है। जिले में 6 वर्ष तक की आयु वर्ग का लिंग अनुपात 1000 लडक़ों के मुकाबले 1047 लड़कियां हैं। पच्छाद स्वास्थ्य खण्ड में लड़कियों की संख्या सर्वाधिक है। यहां लिंग अनुपात में लड़कियों का आंकड़ा 1000 लडक़ों के मुकाबले 1078 तक जा पहुंचा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अजय गुप्ता ने प्रसव पूर्ण निदान तकनीक अधिनियमए 1994 के तहत गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की समीक्षा बैठक के दौरान दी। डॉ0 गुप्ता ने कहा कि हालांकि सिरमौर जिला में लिंग अनुपात की स्थिति काफी बेहतर है लेकिन फिर भी कन्या भ्रूण को लेकर जनमानस जागरूकता पैदा करने के मकसद से स्वास्थ्य विभाग विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग जल्द ही जिला में विभिन्न स्थानों पर कन्या भ्रूण हत्या के कानूनी प्रावधानों लेकर बोर्ड स्थापित करने वाला है। डॉ0 गुप्ता ने बताया कि भ्रूण जांच करना व करवाना दोनों कानूनी तौर पर अपराध है और इसमे सजा का भी प्रावधान है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रसव पूर्ण निदान तकनीक अधिनियम में शामिल नए प्रावधान के मुताबिक अब जिला दण्डाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी भी अल्ट्रासांउड क्लीनिक का औचक निरीक्षण कर सकेंगे। डॉ0 गुप्ता ने बताया कि इस समय जिला में 13 अल्ट्रा सांउड क्लीनिक मौजूद
है जिनमें से 11 निजि व दो सरकारी हैं। उन्होंने बताया कि सभी निजि अल्ट्रा साउंड क्लीनिकों का नियमित तौर पर निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में पांवटा साहिब स्थिति सिद्धी विनायक अस्पताल में अल्ट्रा साउंड क्लीनिक का निरीक्षण करने के उपरान्त उसे संचालित करने की मंजूरी प्रदान की गई है। बैठक मेें जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 एस0 एम0 अलीए रेडियोलोजिस्ट डॉ0 डी0डी0 शर्माएजिला लोक सम्पर्क अधिकारी रविन्द्र वर्माए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ0 एस0अली सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।