नाहन, 12 अगस्त : ट्रांसगिरि (Transgiri) क्षेत्र में पहली नगर परिषद के तौर पर शिलाई (Shillai) को अधिसूचित करने की कवायद चार साल से फाइलों में दफन है। लिहाजा, यह आशंका भी उठ रही है कि कहीं सत्ता में बैठे राजनीतिज्ञों(Politician) के साथ-साथ विपक्ष भी नहीं चाहता कि शिलाई को नगर परिषद (Municipal Council Shillai) का दर्जा मिले। दरअसल, हिमाचल (Himachal) में इस समय नई नगर परिषदों व नए नगर निगमों को बनाने की सरकार खुद ही कवायद चला रही है। इसी कारण फाइलों में दबा शिलाई का मामला भी सतह (Surface) पर आ गया है।
आपको बता दें कि अक्तूबर 2016 में शहरी विकास निदेशालय ने शिलाई को नगर परिषद बनाने के लिए प्रशासन से मसौदा मांगा था। एक सर्वे के दौरान कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए थे। उस समय राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक शिलाई की आबाद 1255 थी, जबकि सर्वे में आंकड़ा 12777 का आया था। एक्ट के मुताबिक 6150 से 12300 की आबादी के बीच 9 वार्ड बनाए जा सकते हैं। अब चार साल बाद लाजमी तौर पर कस्बे की आबादी बढ़ी होगी। जून 2016 में कस्बे में लगभग 500 इमारतों को तीन मंजिला पाया गया था। दुकानों की संख्या 300 के करीब दर्ज हुई थी। सवाल यह उठा था कि क्या एक पंचायत में इस तरह का आंकड़ा हो सकता है या नहीं।
चार साल पुराने आंकड़ों को देखा जाए तो लाजमी तौर पर यह निश्चित था कि कस्बे को नगर परिषद का दर्जा दे दिया जाए। अब आपके जहन में एक सवाल उठ रहा होगा कि राजनीतिज्ञों की नापसंद क्यों रही होगी। दरअसल, बड़ी संख्या में पंचायतों से लोग शिलाई में शिफ्ट हो चुके हैं, जिनकी वोट व आबादी से जुड़ी जानकारी पंचायतों में ही दर्ज है। वो नहीं चाहते कि पंचायतों से नाम कट कर नगर परिषद में शामिल किए जाएं। इसी कारण शिलाई शहरी निकाय में नहीं आ पा रहा। इसका नतीजा यह हो रहा है कि कस्बे को अन्य शहरों की तुलना में योजनाएं नहीं मिल रही हैं।
दिलचस्प यह भी है कि शिलाई में एसडीएम कार्यालय तो खुल चुका है, लेकिन डीएसपी का पद भी सृजित नहीं हुआ है। सवाल यह भी है कि क्या प्रदेश में किसी अन्य जगह पर पंचायत स्तर पर एसडीएम कार्यालय है या नहीं। सवाल इस बात पर भी उठ रहा है कि स्थानीय नेता शिलाई को नगर परिषद का दर्जा दिलवाने की कोशिश क्यों नहीं कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उस समय तत्काल एसडीएम विकासा शुक्ला (HAS Vikas Shukla) का भी तबादला शिलाई से कर दिया गया था। माना गया था कि शिलाई के सर्वे (Survey of Shillai) से नाराज हो कर कांग्रेस ने तबादला कर दिया था। बता दे कि इस समय ट्रांसगिरि में एकमात्र नगर पंचायत राजगढ़ है।