नाहन, 09 अगस्त: व्यापक स्तर पर कोरोना की मार झेल चुके मोहल्ला गोविंदगढ़ के शिक्षित तबके ने एक सवाल पूछा है। इसके तहत ये जानकारी मांगी गई है कि आखिर कब तक मोहल्ले को सील रखा जाएगा। करीब 25 दिन से वो घरों में कैद हैं। प्रश्न यह भी पूछा है कि मोहल्ले को अनलॉक करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई रणनीति बनाई जा रही है या नहीं।
ज़िलाधीश को भेजे गए ई-मेल में कहा गया है कि मोहल्ले की सैंपलिंग पूरी हो चुकी है। अधिकतर संक्रमित रिकवर भी हो चुके हैं। ई-मेल में मोहल्ले के लोगों ने संक्रमितों की टेक केयर के लिए प्रशासन व सरकार का आभार भी जताया है। ई-मेल में कहा गया है कि हर कोई इस बात से बखूबी वाकिफ है कि मोहल्ले के अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिति बेहद ही कमजोर है। यह भी कहा गया है कि कई लोग मानसिक तौर पर भी परेशान हुए हैं। इसके अलावा बैंक की किस्तों का भी बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। यह भी पूछा गया है कि अगर मोहल्ले के लोग दिहाड़ी से रोज नहीं कमाएंगे तो वो किस्तों को भी कैसे चुकाएंगे। ई-मेल में स्पष्ट तरीके से अनलॉक की रणनीति को सांझा करने की मांग हुई है।
उधर इस बारे पूछे जाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केके पराशर का कहना था कि अंतिम मामले से 28 दिन का समय रहता है। बीती रोज भी एक मामला इसी मोहल्ले से सामने आया है। सीएमओ ने कहा कि रैेंडम सैंपलिंग का सिलसिला चलता रहेगा। बता दें कि 15 से 31 जुलाई के बीच कुछ ऐसे मामले भी सामने आए थे, जब एक संक्रमित मिलने पर मात्र एक बिल्डिंग को ही सील किया गया, जबकि दूसरी जगह पर आधे वार्ड को ही सील कर दिया गया।
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