शिलाई, 22 जुलाई : सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र शिलाई में कोरोना वायरस का मामला सामने आने के बाद लोग सहम गए है। 17 जुलाई को झारखण्ड से शिलाई पहुंचे बैंक कर्मी की 22 जुलाई को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने शिलाई को कन्टेनमेंट और बफर जोन में तब्दील कर दिया है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये करीब 70 लोगों की प्रथम कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद प्रशासन ने निर्णय लिया है कि उपरोक्त सभी लोगों का दुबारा कोरोना टेस्ट किया जायेगा और तब तक इन सभी लोगों को होम क्वारंटाइन पर ही रखा जायेगा।
शिलाई के एसडीएम ने उपमण्डल के जनता से अपील करते हुए बताया कि जब तक रिपीट सैंपल की रिपोर्ट नहीं आती है तब तक लोग सरकारी दफ्तरों और शिलाई बाजार की तरफ न जाये। उन्होंने बताया कि कुछ जगह में धार्मिक, सांस्कृतिक और खेल आदि गतिविधियों के आयोजन की शिकायतें मिल रही है। ऐसे में भीड़ एकत्रित करने वाले कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाले लोगों और आयोजकों पर आईपीसी की धाराओं और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी और नियमानुसार एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
शिलाई अस्पताल से लेकर शिरगुल वर्षा शालिका तक की बालिकोटी सड़क को कन्टेनमेंट जोन बनाया गया है जहाँ सभी दुकानों को बंद करवाया गया है और आवश्यक सेवाओं में तैनात वाहनों के अलावा केवल किसानों की टमाटर लेकर जा रही गाड़ियों को आवागमन की इजाजत दी गई है। इसके अलावा कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों को घर द्वार पर ही राशन, सब्जी और दवाइयों को स्थानीय प्रशासन द्वारा पहुँचाया जा रहा है। जबकि लोकनिर्माण विभाग के रेस्ट हाउस से लेकर नाया रोड़ तक के क्षेत्र को बफर जोन बनाया गया है जहाँ वाहनों के आवागमन के साथ-साथ दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी गई है। बफर जोन में भी बसों और अन्य सभी वाहनों को पार्क करने पर पाबंदी लगाई है। लिहाजा प्रशासन द्वारा सभी पहलुओं पर बारीकी से नजर रखी जा रही है साथ ही लोगों से स्थिति सामान्य होने तक अपने घरों में रहने की अपील की जा रही है।
Latest
- नाहन में तीन नशा तस्कर गिरफ्तार, 24 ग्राम चिट्टा सहित 52,080 रुपए की नकदी बरामद
- भारी वाहनों के लिए मनाली-लेह मार्ग अभी भी बंद, 20 मई तक बहाल होने की संभावना
- महिलाओं के साथ हो रहे यौन शोषण के खिलाफ शिमला में जनवादी महिला समिति का प्रदर्शन
- Good News : हिमाचल के मेडिकल कॉलेजों में दिव्यांगों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा, हाईकोर्ट का फैसला
- जुन्गा के खड़कीधार व झंडी के जंगलों में लगी भीषण आग, लाखों नुकसान