शिमला: कोरोना संकट में आयकर दाताओं को राशन सब्सिडी से बाहर करने के फैसले को जयराम सरकार दो माह बाद भी लागू नहीं कर पाई है। 13 मई को आयोजित कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने आयकर देने वालों की राशन सब्सिडी खत्म करने का निर्णय लिया था। कोरोना संकट की वजह से चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया है। लेकिन खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग सस्ते राशन की सुविधा लेने वाले आयकर दाताओं का आंकड़ा अभी तक नहीं जुटा पाया है।
विभाग पूरे प्रदेश में उन राशन कार्ड उपभोक्ताओं को चिन्हित करने में लगा है, जो कि इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा आयकर विभाग से ऐसे लोगों का ब्यौरा मांगा जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब तक आयकर देने वाले 60 फीसदी उपभोक्ताओं की जानकारी जुटाई जा चुकी है। इस महीने के आखिर तक सभी आयकर दाताओं का ब्यौरा मिल जाने की संभावना है। इसके बाद विभाग की तरफ से राशन सब्सिड़ी के संबंध में अधिसूचना जारी किए जाएंगे।
अधिकारियों की मानें तो अगस्त के महीने में आयकर दाता सस्ते राशन की सब्सिडी से वंचित हो जाएंगे। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के निदेशक आविद हुसैन सादिक ने संपर्क करने पर बताया कि आयकर देने वाले राशन कार्ड उपभोक्ताओं की जानकारी आयकर विभाग से जुटाई जा रही है। इसमें दो से तीन हफ्ते का वक्त और लगेगा। उन्होंने कहा कि अगस्त के महीने में आयकर दाताओं की राशन सब्सिडी को खत्म करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
गौर हो कि राज्य में 18 लाख के लगभग राशन कार्ड धारक हैं। इनमें एक लाख से अधिक आयकर दाता हैं, जो सस्ते राशन का लाभ ले रहे हैं। सरकार धनाढ़य लोगों से कई मर्तबार राशन पर दी जाने वाले सब्सिडी को छोड़ने की अपील करती आई है। मंत्री व विधायकों द्वारा पहले ही सब्सिडी छोड़ने का ऐलान किया जा चुका है।