राजगढ़: शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर पंचायत राजगढ़ विवादों में घिर गई है। आरटीआई के माध्यम से जुटाई जानकारी में पदाधिकारियों द्वारा अपने सगे संबधियों को मस्ट्रोल पर रखने और बिना कार्य वेतन देने बारे वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है। नगर पंचायत के पूर्व सफाई ठेकेदार मुकेश द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस बारे उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की गई है।
बता दें कि मुकेश द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत नगर पंचायत से सूचना मांगी गई थी जिसमें चौकन्ने करने वाले तथ्य सामने आए है। इनका आरोप है कि सफाई कर्मचारियों के मस्ट्रोल में नगर पंचायत के प्रमुख के परिवार के दो सदस्योें के नाम शामिल किए गए है जिन्हें बिना काम के वेतन दिया जा रहा है । इसके अतिरिक्त दो अन्य ऐसे सफाई कर्मचारियों के नाम भी मस्ट्रोल में दर्ज किए गए है जो किसी अन्य स्थान पर कार्य करते हैं और वेतन नगर पंचायत के खाते से दिया जा रहा है।
गौर रहें कि पूर्व में नगर पंचायत की सफाई का कार्य ठेके पर दिया जाता रहा है जिसके एवज में प्रतिमाह करीब दो लाख 15 हजार की राशि ठेकेदार को दी जाती रही है । काफी वर्षों उपरांत सरकार द्वारा कुछ माह पहले नगर पंचायत सचिव का पद भरा गया। जबकि इससे पहले सचिव का कार्यभार काफी वर्षों तक स्थानीय एसडीएम अथवा तहसीलदार के पास रहा है। नए सचिव द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने के लिए प्रभावी पग उठाए और ठेकेदारी प्रथा को खत्म करके शहरी आजीविका केंद्र नाहन के माध्यम से 23 सफाई कर्मचारियों की भर्ती की गई।
मुकेश का कहना है कि उनके द्वारा 2 लाख 15 हजार में पूरे महीने सफाई का कार्य किया जाता रहा है, जबकि सीएलसी के माध्यम से नगर पंचायत द्वारा करीब साढ़े तीन लाख खर्च करके भारी वित्तीय बोझ पड़ा है। मुंकेश का आरोप है कि हरियाणा निवासी दीपक जोकि सिविल अस्पताल राजगढ़ में कार्य करता है और इसकी हाजरी मस्ट्रोल में भी लगती रही है और इस व्यक्ति को नगर पंचायत द्वारा अप्रैल और मई माह का वेतन भी दिया गया है। इसी प्रकार एक अन्य कर्मचारी नगर पंचायत के मस्ट्रोल में दर्ज है, जोकि शहर में टैक्सी चलाने का काम करता है, इसे भी बिना कार्य के वेतन दिया जा रहा है। इनका आरोप है कि नगर पंचायत में सफाई व्यवस्था के नाम पर बहुत बड़ा घोटला सामने आया है जिसकी विजिलैंस से जांच होनी चाहिए और अनियमितता पाए जाने पर कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए।
नगर पंचायत के सचिव अजय गर्ग का कहना है कि सफाई व्यवस्था को लेकर नगर पंचायत में कोई अनियमितता नहीं की गई है और पारदर्शिता और नियमानुसार के साथ कार्य किया जा रहा है।