धर्मशाला/नाहन : करीब-करीब 43 साल की अल्प आयु में प्रिंट मीडिया से जुड़ी एक खास शख्सियत संदीप शर्मा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। प्रिंट मीडिया में एक अहम कड़ी मार्किटिंग होती है। इसी की बदौलत मीडिया हाऊस को राजस्व हासिल होता है। 20-21 साल की उम्र में ही संदीप शर्मा ने प्रदेश के एक हिन्दी दैनिक में उस समय कार्य करना शुरू किया, जब अखबार शुरूआती दौर में था।
मूलतः कांगड़ा जिला के ही रहने वाले संदीप ने प्रदेश के कई जिलों में अपनी काबलियत की पहचान छोड़ी, मगर कुदरत को कुछ ओर ही मंजूर था। चार-पांच साल पहले दोनों किडनियां फेल हो गई। इसके बावजूद भी हिम्मत न हारते हुए कार्य करने का हौंसला बरकरार रखा। विज्ञापन प्रतिनिधि से कैरियर शुरू करने वाले संदीप चीफ मैनेजर के पद तक पहुंचे। चूंकि प्रदेश के कई हिस्सों में अपनी सेवाएं दी, यही वजह है कि हिन्दी मीडिया से जुड़े लोग संदीप के निधन पर शोकाकुल हैं। अपने पीछे पत्नी व बेटा-बेटी को छोड़ गए हैं।
अपनी सेवाओं के दौरान संदीप ने सैंकड़ों को मार्किटिंग की बारीकियां बताई, जो आज अपना कैरियर बनाए हुए हैं। अच्छे लीडर के साथ-साथ संदीप में इंसानियत व मित्रता के भाव भी मौजूद थे। संदीप का निधन बीती देर शाम अपने पैतृक घर पर ही हुआ। जानकारी के मुताबिक स्व. देवराज शर्मा के संदीप इकलौते बेटे थे। शनिवार सांय तबीयत खराब होने पर उन्होंने पीजीआई जाते वक्त दम तोड़ दिया। गरली के समीप बलहेड़ा गांव के रहने वाले संदीप अपने पीछे बुजुर्ग मां को भी रोते-बिलखते छोड़ गए हैं।
कुल मिलाकर दिवंगत संदीप उन लोगों के दिलों में हमेशा याद रखे जाएंगे, जिनका कैरियर संवारने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।