हमीरपुर: बेटे के इंतजार में मां ऊषा देवी की आंखों पथरा गई हैं। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाला 13 वर्षीय भाई आदित्य भी अपने भाई की मौत के गम में आंसू बहा रहा है। बुधवार सुबह साढ़े सात बजे जैसे ही फोन पर सेना मुख्यालय से बेटे की शहादत की सूचना मिली, पूरे परिवार में चीख-पुकार मच गई। परिवार के अधिकांश सदस्य अभी बिस्तर से उठे ही थे कि बेटे की मौत की खबर मिल गई। मां दिन भर रोती हुई बेटे की पार्थिव देह के इंतजार में दरवाजे की तरफ टकटकी लगाए रही। अन्य महिलाएं भी आंसू नहीं रोक पाईं। आसपड़ोस के बड़े-बुजुर्ग शहीद के माता-पिता को ढांढस बंधाते दिखे। भारत-चीन एलएसी विवाद में भोरंज के कड़होता के 21 वर्षीय जवान अंकुश ने शहादत पाई है।
बता दें की अंकुश वर्ष 2018-19 में भारतीय सेना की 3 पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। अंकुश ने सात माह पूर्व घर पर रंगरूटी काट कर सियाचिन में ड्यूटी ज्वाइन की थी। शहीद के पिता सेवानिवृत्त हवलदार अनिल कुमार ने कहा कि उनके परिवार की तीसरी पीढ़ी देशसेवा के लिए गई थी। बेटे की शहादत पर गर्व है। वास्तविक नियंत्रण रेखा में नापाक हरकतें करने वाले चीन को उसी की भाषा में मुंह तोड़ जवाब देना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि पिता स्व. सीताराम भी सेना से ऑनरेरी कैप्टन रिटायर आए थे।
शहीद अंकुश ठाकुर का पार्थिव शरीर शुक्रवार को घर पहुंचेंगा। लेकिन इन सबके बीच में प्रदेश के बड़े राजनेताओं का परिवार को होंसला बनवाने के लिए आना शुरू हो गया है।
इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप राठौर आज शिमला से अंकुश ठाकुर के घर पहुंचे और परिवार के साथ कुछ समय भी बिताया। वह इसी के साथ कहां की इस दुख भरी घड़ी में कांग्रेस का पूरा परिवार ही नहीं बल्कि प्रदेश की पूरी जनता अंकुश ठाकुर के परिवार के साथ है । कुलदीप राठौर ने कहा कि जैसे ही उन्हें इस शहादत का पता चला तो मन इतना विचलित हुआ की परिवार के बीच में आकर बैठने के सिवा और कुछ नहीं सोचा जा सका। हम लोग वीर भूमि के इस वीर परिवार को सांत्वना ही दे सकते हैं जिसके लिए मैं यहां आया हूं।
राठौर ने कहा कि पार्टी ने फैसला लिया है कि यहां पर शहीद अंकुश के नाम का स्मारक बनाएंगे जिसका फैसला परिवार ही करेगा। इस बारे जब एसडीएम भोरंज अमित शर्मा से दूरभाष के माध्यम से संपर्क साधा गया तो उन्होंने बताया कि शहीद अंकुश ठाकुर का पार्थिव देह शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंचेगा।