हमीरपुर : पहले देश के युवाओं को नशे से बचाने वाले बड़सर उपमंडल के कोस्ट गार्ड में तैनात डीआईजी मुकेश कुमार शर्मा अब गुजरात में 200 मजदूरों के लिए मसीहा बने हैं। कोरोना की आपदा के समय मजदूरों के खाने-पीने का खर्च मुकेश के नेतृत्व में भारतीय कोस्ट गार्ड के 27 अधिकारियों सहित 250 कोस्ट गार्ड वहन कर रहे हैं। मुकेश गुजरात के ओखा में भारतीय कोस्ट गार्ड में बतौर डीआईजी तैनात हैं।
वैश्विक महामारी के चलते कोई भूखा न रहे, इसके लिए 40 दिन से मुकेश अपनी टीम के साथ मिलकर 200 के करीब मजदूरों के खाने-पीने का खर्च अपनी जेब से उठा रहे हैं। खाना बनाने में भी वह सहयोग करते हैं। उनके इस नेक कार्य को डिफेंस पीआरओ गांधीनगर भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सराह चुके हैं। गत दिवस ही सौ से अधिक मजदूरों को ट्रेन अपने राज्यों में ले गई है।इसके बाद यहां कुछ जरूरतमंद अभी भी बचे हैं। शर्मा बड़सर के मैहरे के रहने वाले हैं।
वह वर्ष 1993 में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर कोस्ट गार्ड में तैनात हुए थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला जौड़ेअंब से पूरी हुई। बारहवीं की पढ़ाई लठियाणी और स्नातक डीएवी कॉलेज होशियारपुर से हुई है। एक तरफ वह मानवता की सेवा में जुटे हैं तो वहीं मानवता के दुश्मनों से भी लोहा लेने से पीछे नहीं हटते।
पाकिस्तान के तस्करों द्वारा देश में सप्लाई की जा रही हेरोइन को देश के युवाओं तक पहुंचने से पहले ही इस साल जनवरी माह में बरामद कर लिया था। 6 जनवरी को उनके नेतृत्व में कोस्ट गार्ड ने 175 करोड़ रुपये बाजार कीमत की हेरोइन की खेप बरामद की थी। इंडियन कोस्ट गार्ड और एटीएस ने मिलकर इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया था।
जो भी हूं, अपने अध्यापक की बदौलत…
मुकेश कहते हैं कि आज जो कुछ भी हैं वह उनके अध्यापक जयकिशन राकेश की बदौलत हैं। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही वह देश सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही कोरोना के इस संकट से उबर जाएंगे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों और हिमाचल के लोगों की भी तारीफ की है।