शिमला : कोरोना लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने पर सोमवार को राजधानी शिमला के बाजारों और कस्बों में हलचल दिखाई दी। 43 दिन के बाद शराब के ठेकों, रेस्टोरेंट व अनेक दुकानों के खुलने से कारोबारियों ने राहत की सांस ली। सुबह साढ़े 9 बजे से अढ़ाई बजे तक कस्बों व उपनगरों सहित लोअर बाजार, लक्कड़ बाजार, माॅल रोड़ में एक तरफ की दुकानें खुलीं। सरकार के निर्देश के चलते बार, सैलून और नाई की दुकानें नहीं खोली गईं। कर्फ्यू में ढील के दौरान कई वाहन भी सड़कों पर सरपट दौड़ते नजर आए।
दुकानों के खुलने से लोगों को सामान खरीदने की सहुलियत मिल रही है। हालांकि लोग सार्वजनिक परिवहन को खोलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उधर, पर्यटकों के चले जाने से होटल व्यवसायियों के अलावा रेस्टोरेंट संचालक भी मायूस हैं। यहां के कई रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि उनका करोबार पर्यटकों पर ही निर्भर है। लाॅकडाउन में रेस्टोरेंट खुलने की छूट के बावजूद उन्हें कोई आमदनी नहीं हो रही है, क्योंकि रेस्टोरेंट से केवल खाना ले जाना ही मान्य हैं, जबकि इसमें बैठना व इसके अंदर सेवाएं प्रदान करना मान्य नहीं होगा।
उधर, सवा महीने बाद सरकारी दफ्तरों में भी आज रौनक दिखाई दी। सरकार के आदेश पर 33 फीसदी कर्मचारी दफ्तरों में पहुंचे। कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर रोस्टर सिस्टम अपनाया गया है।
कुल मिलाकर 22 अप्रैल के बाद कोरोना संक्रमण के नए मरीज सामने नहीं आने के बाद जनजीवन अब सामान्य होने की तरफ बढ़ रहा है। हालांकि बाहर से हजारों लोगों का शिमला सहित पूरे प्रदेश में लौटना चिंताजनक हो सकता है, क्योंकि बडी तादाद में लोग देश के रेड जोन घोषित इलाकों से लौट कर अपने-अपने घर पहुंचे हैं।
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