नाहन/प्रकाश धुन्टा : संगडाह उपमंडल की भवाई पंचायत के कुफर गांव के रहने वाले 23 वर्षीय युवक अंकुश चौहान ने माता-पिता के सपनों को साकार किया है। साथ ही अपने जुनून को भी धरातल पर उतारने में कामयाबी हासिल की है। छोटी उम्र में ही अंकुश ने पीएचसी बड़ग में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर पदभार संभाल लिया है। अहम बात यह है कि मेडिकल क्षेत्र में अपनी पारी शुरू करने का मौका 23 साल के युवक को उस समय हासिल हुआ है, जब पूरा देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है।
चंद रोज पहले ही अंकुश को ज्वाइनिंग पत्र मिला था। इसके बाद अब अपनी जिम्मेदारी को संभाल लिया है। बचपन से ही स्टेषनरी व प्रिटिंग विभाग में कार्य करने वाले पिता ईश्वर दास का बेटा अंकुश होशियार था। जमा दो की परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक लेने वाले अंकुश ने 2014 में निट की परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया। आईजीएमसी से ही एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद अब मेडिकल अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं शुरू की। हालांकि अंकुश भविष्य में भी मेडिकल क्षेत्र की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, लेकिन इस समय एक चिकित्सक के रूप में सेवाएं देना बेहद ही जरूरी है।
छोटे से गांव से निकले पिता राजधानी में कार्यरत हैं। बेटे ने लक्कड़ बाजार के डीएवी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। परिवार बेटे को डॉक्टर बनते देखना चाहता था। परिवार की चाहत को उस समय बल मिल गया, जब अंकुश ने भी एक चिकित्सा अधिकारी बनने का फैसला लिया।