शिमला: प्रदेश में कोरोना को लेकर कोई आर्थिक संकट न पैदा हो, इसके लिए मुख्यमंत्री, कैबिनेट सदस्यों, विधायकों, चेयरमैन व वाइस चेयरमैन की सैलेरी में एक साल तक 30 प्रतिशत की कटौती होगी। यह फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। कांग्रेस के विधायक एक माह के वेतन को पहले ही मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का ऐलान कर चुके हैं।
दीगर है कि राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। वेतन की कटौती की राशि को कोरोना फंड में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ-साथ एमएलए फंड को भी दो साल के लिए इसी समस्या के लिए व्यय किया जाएगा। चूंकि नरेंद्र मोदी सरकार ने भी इसी तरह का फैसला लिया है। लिहाजा राज्य सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाया है।
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