शिमला : कोरोना वायरस के संकट के बीच पहली से आठवीं के अलावा 9वीं व 11वीं के छात्रों को सीधे ही अगली कक्षा में प्रमोट करने की कवायद शुरू की है। इसके अलावा दसवीं व बारहवीं की उत्तर पुस्तिकाओं को सीधे शिक्षकों के घर ही मूल्यांकन के लिए भेजा जाएगा। ताकि समय पर रिजल्ट घोषित हो सके। पुरानी पद्धति में भी उत्तर पुस्तिकाओं को चैकिंग के लिए शिक्षकों के घर ही भेजा जाता था। लेकिन बाद में स्थल मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
सूत्रों का यह कहना है कि शिक्षा मंत्री ने इन बिंदुओं पर शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की थी। फिलहाल इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर ही मंजूर माना जा सकता है, क्योंकि असल बातें अधिकारिक अधिसूचना के बाद ही स्पष्ट हो पाएंगी। तर्क यह भी है कि प्रदेश में लॉकडाउन से पहले अधिकतर परीक्षाएं निपट चुकी थी। यह भी बताया जा रहा है कि स्कूल शिक्षा बोर्ड से भी स्थगित परीक्षाओं को लेकर संभावनाएं तलाषने के निर्देश दे दिए गए हैं। उधर, विद्यालय प्रवक्ता संघ का कहना है कि जमा एक के विद्यार्थियों को बिना उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के प्रमोट करने पर पुनर्विचार करना चाहिए।
सिरमौर इकाई के अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी, राज्य सलाहकार सतीश शर्मा व महासचिव संजय शर्मा इत्यादि का कहना है कि मात्र एक विषय की परीक्षा शेष है। लॉकडाउन से पहले कई विषयों का मूल्यांकन भी हो चुका है। केवल दसवीं व बारहवीं कक्षाओं का मूल्यांकन प्रारंभ नहीं हो पाया है। लिहाजा, जमा एक की परीक्षा के नतीजे में विलंब की संभावना नहीं नजर आती। संघ ने यह भी उम्मीद जताई कि आने वाले कुछ सप्ताह में भी पाठन कार्य प्रभावित हो सकता है।
संघ का कहना है कि जमा एक की कक्षा की एक ऐच्छिक विषय की परीक्षा लंबित है। विभाग चाहे तो केवल उसी विषय में छात्रों को उत्तीर्ण कर सकता है। शेष का मूल्यांकन किया जा सकता है।