हमीरपुर: इतिहास में पहली बार बाबा बालक नाथ मंदिर के कपाट अनिश्चितकाल के लिए बन्द किये गए हैं। कोरोना वायरस के ख़ौफ़ के चलते प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की मन्दिर में एंट्री बिल्कुल बंद कर दी गई है। लेकिन मन्दिर के कपाट बंद होने से भी श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आ पाई है।
हालांकि श्रद्धालुओं को चैत्र महीने लगे होने के बावजूद भी बाबाजी के दर्शन न कर पाने का मलाल है, लेकिन फिर भी वे अपनी श्रद्धा ऑनलाइन चढ़ावे के रूप में व्यक्त कर रहे हैं। हालांकि एक सप्ताह के दौरान पिछले वर्ष के मुकाबले 31लाख71 हजार 150 रुपये चढ़ावे के रूप में कम चढ़ाए गए हैं।
पिछले वर्ष 14 मार्च से लेकर 21 मार्च तक श्रद्धालुओं द्वारा दान व चढ़ावे के रूप में 1करोड़ 29लाख 75हज़ार 554 रुपये बाबा को अर्पित किए गए थे। जबकि इस बार 98 लाख 4 हज़ार 404 रुपये प्राप्त हुए हैं।
बताते चलें कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते शहर के शहर व पूरे देश तक लॉकडाउन किये जा रहे हैं। श्रद्धालुओं व ट्रस्ट के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उतरी भारत का सुप्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर भी पिछले एक सप्ताह से बंद कर दिया गया है। इससे एक तरफ जहां स्थानीय व्यापारियों की रोजी रोटी पर संकट व लाखों का घाटा उठाना पड़ा है वहीं मन्दिर ट्रस्ट को करोड़ों रुपयों के नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है।
मन्दिर अधिकारी ओम प्रकाश लखनपाल का कहना है कि प्रशासन के आदेशों के बाद मन्दिर के कपाट बंद हैं।श्रद्धालु ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करके मन्दिर को दान व चढ़ावा भेज रहे हैं।