नाहन : वीरवार को अचानक ही डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में करोना वायरस संदिग्ध के आने की अफवाह फैल गई। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब इसकी पड़ताल की तो पाया गया कि एक महिला इंग्लैंड से आई थी, जिसे वापस लौटे भी समय हो चुका है। महिला का भाई अस्पताल पहुंचा था, चूंकि महिला को वापस गए भी 18 दिन का वक्त हो चुका था, लिहाजा रोगी को वापस घर भेज दिया गया। अलबत्ता उसे बीएमओ की निगरानी में रखा जाएगा।
वीरवार को कॉलेज प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते ओपीडी से मरीजों को बाहर निकाल दिया। हिदायत दी गई कि मास्क पहनने की सूरत में ही अस्पताल परिसर में दाखिल होने की इजाजत दी जाएगी। हिदायत इस कारण दी गई थी, ताकि सरकार के आदेशों के तहत सावधानी बरती जाए। अचानक इस तरह के निर्देश आने पर लोगों में हड़कंप मच गया। इन दोनों कारणों की वजह से लोगो में हडकंप मच गया।
उधर लोगों का तर्क था कि शहर में मास्क उपलब्ध नहीं हो रहे। लिहाजा वह आपातकालीन स्थिति में कैसे अस्पताल में प्रवेश होंगे। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में उपायुक्त डॉ आर के परुथी ने इस बात को सिरे से खारिज किया कि अस्पताल में कोरोना का कोई संदिग्ध आया है। उन्होंने कहा कि जहां तक मास्क उपलब्ध करवाने की बात है तो प्रशासन ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उपायुक्त ने बताया कि करीब आधा दर्जन महिलाओं को सेंट्रल जेल में मास्क बनाने की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है।
ट्रेनिंग के बाद वह महिलाएं मास्क बनाने का कार्य शुरू कर देगी, जिन्हें प्रशासन उपलब्ध करवाना शुरू करेगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह अफवाहों पर विश्वास ना करें बल्कि बताए जा रहे उपायों पर कदम उठाएं। उधर मेडिकल अधीक्षक डॉ डीडी शर्मा ने कहा कि डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि रोगी को वापस घर भेज दिया गया है। मेडिकल अधीक्षक ने कहा कि अस्पताल में केवल एमरजेंसी सेवाएं ही जारी रहेंगी।
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