शिमला: हिमाचल विधानसभा में गत 6 मार्च को वितीय वर्ष 2020-21 के बजट पर हुई चर्चा के आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा दिए गए जवाब से नाराज होकर विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष ने यह वाकआउट उस समय किया, जब मुख्यमंत्री बजट चर्चा का जवाब दे रहे थे।
विपक्ष ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए कर्ज के बारे में तथ्यों को छिपाकर सदन को गुमराह कर रहे हैं। बजट पर चार दिन चर्चा चली और इस दौरान सत्तापक्ष व विपक्ष के 50 सदस्यों ने हिस्सा लिया।मुख्यमंत्री ने चर्चा के जवाब में कहा कि प्रदेश की माली हालत खराब के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। ऋणों को लेकर वर्तमान सरकार को कटघरे में खड़ा करना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से 2012 तक तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में 7465 करोड़ ऋण लिया गया था। वहीं इसके बाद अगले 5 सालों में कांग्रेस शासित सरकार ने 19195 करोड़ का ऋण ले लिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को 47 हजार करोड़ का ऋण विरासत में मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार नियमों की परिधि में रहकर ही ऋण ले रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में साल 2016 से 2018 में हिमाचल को केंद्र से 26258 रूपये की मदद प्राप्त हुई। जबकि उनकी सरकार को गत 2 वर्ष में 30524 करोड़ का अनुदान मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 25 एनएच पर जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा। बीते 2 सालों में 7000 लोगों को सरकारी रोज़गार दिया है, वहीं अगले एक साल में 20 हजार को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया है।