नाहन : शहर मेरे लिए तीर्थस्थली है। मुझे ऐसा लग रहा है, जैसे मैं किसी धार्मिक यात्रा पर आया हूँ। नाहन जेल में आपातकाल के समय बिताए 19 महीने ताउम्र मेरे जहन में रहेंगे। आज उस कमरे में जाकर मुझे वो हर पल याद आया जो एमरजेंसी के समय मैंने यहां बिताया। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए शांता कुमार ने कहा कि यह एक किस्म से साधना थी। जेल में मैंने चार किताबें लिखी, जिनकी मुझे जो रॉयल्टी मिलती थी, उसे मैंने आज जेल वेलफेयर फंड के लिए डोनेट किया। एक लाख रुपए का चैक मैंने जेल प्रबंधन को सौंप दिया।
अपने साथ उन्होंने श्यामा शर्मा, राधा रमन शास्त्री व महेंद्र नाथ सौफत की भूमिका को भी सराहा। क्योंकि ये तीनों भी उस समय जेल में उनके साथ डटे रहे। उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक 14 किताबें लिखी हैं। साहित्य सृजन मेरा शौक है। उन्होंने प्रदेश में फर्जी डिग्री व जहरीली दवाओं के निर्माण पर चिंता जताई। साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार को बेहतर सरकार बताया। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर को एक ईमानदार व सीधे सादे व्यक्तित्व का स्वामी बताया। साथ ही उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक डॉ. राजीव बिंदल की सराहना करते हुए कहा कि संगठन के अलावा उनका मिलनसार वाला स्वभाव उन्हें इस पद के अनुकूल बनाता है।
उन्होंने श्यामा शर्मा की भी खूब तारीफ की। ब्राह्मणों की भाजपा में अनदेखी पर पूछे गए सवाल में उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि एक ब्राह्मण विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का अध्यक्ष है। प्रदेश में भी ब्राह्मण समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व मिल रहा है। इससे पहले उन्होंने नाहन सेंट्रल जेल का दौरा किया। वह उस कमरे में भी गए, जहां उन्होंने आपातकाल के दौरान कैदी के रूप में अपने जीवन के महत्वपूर्ण पल बिताए थे।
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