शिमला: हिमाचल प्रदेश राजकीय शिक्षक संघ ने आगामी 6 मार्च को पेश किए जाने वाले वितीय वर्ष 2020-21 के बजट में शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों को प्रमुखता से तरजीह देने का राज्य सरकार से आग्रह किया है। संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में बेहतरीन कार्य किया है और हिमाचल में भी केजरीवाल का शिक्षा मॉडल लागू किया जाना चाहिए। दिल्ली के शिक्षा मॉडल को पूरी दुनिया ने देखा है। कई राज्यों की सरकारें इस मॉडल को लागू कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली मॉडल अपनाते हुए हिमाचल सरकार को इस बार कुल बजट का 25 फीसदी करना चाहिए। बीते वर्ष राज्य सरकार ने शिक्षा के लिए 17 फीसदी बजट पेश किया था। उन्होंने मांग उठाई है कि राज्य सरकार को बजट में पहली से प्लस-टू तक स्मार्ट क्लास रूम की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके अलावा बजट में हर खण्ड स्तर पर कम से कम 5 आदर्श विद्यालय खोलने का एलान किया जाए। इनमें सभी प्रकार की सुविधाएं हों। बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर सभी स्कूलों में एक्वागार्ड व आदर्श शौचालय बनाए जाएं।
उन्होंने सरकार से कर्मचारियों का अनुबंध काल 3 साल से घटाकर 2 साल करने, केंद्र की तर्ज पर संशोधित वेतनमान देने, एसएमसी व कंप्यूटर शिक्षकों के लिए स्थाई नीति बनाने, पीटीए, पैट पैरा शिक्षकों को नियमित के बराबर वेतन देने की मांग उठाई। उन्होंने जयराम सरकार से ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की कवायद शुरू करने के लिए विधानसभा में चर्चा करवाने की भी मांग उठाई।