नाहन : टिक-टॉक व सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि पावंटा साहिब अस्पताल में ड्यूटी के दौरान स्टाफ नर्स ने नाटी के वीडियो को नर्सिस के स्टाफ रूम में बनवाया है। इसी बीच ताजा खबर यह है कि सिरमौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के के पराशर ने वीडियो को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि एक तबका इसे निजी जीवन से जुड़ा बता रहा है, लेकिन सवाल इस बात पर भी उठता है कि सरकारी परिसर में यूनिफॉर्म पहनकर इस वीडियो को बनाया जा सकता है या नहीं? इस सवाल का जवाब तो स्वास्थ्य विभाग को देना होगा।
इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि स्टाफ नर्सिस पर ड्यूटी को लेकर मानसिक दबाव रहता है। विभाग के एक अधिकारी तो अक्सर ही स्टाफ के साथ डांस के वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट करते हैं, जो अक्सर सरकारी परिसर में ही बने होते हैं। इसमें कभी स्थापना दिवस तो कभी विदाई पार्टी का तर्क होता है।
बहरहाल महज डांस वीडियो से इस बात को मान लेना कि स्टाफ नर्स ड्यूटी पर कोताही बरत रही थी, कतई भी न्यायसंगत नहीं माना जा सकता। इतना जरूर है कि यूनिफॉर्म में इस तरह का वीडियो सही भी नहीं हो सकता। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सूबे के स्वास्थ्य संस्थान स्टाफ नर्सिस की कमी से जूझ रहे हैं। विभाग में जूनियर स्टाफ नर्सिस अपनी एक अहम भूमिका को निभा रही है। इस बारे जब एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने कुछ लोगों की राय जानने का प्रयास किया तो यह बात सामने आई कि केवल डांस के वीडियो को देखकर यह नहीं माना जा सकता कि वह ड्यूटी पर कोताही बरत रही थी।
अलबत्ता जांच ही असल बात को सामने ला सकती है। इतना जरूर है कि जो स्टाफ नर्सिस प्रमोट होकर ओहदों के हिसाब से ऊपर पहुंच चुकी हैं, उनकी तुलना में जूनियर स्टाफ नर्सिस ही पहली नजर में रोगियों के लिए भगवान से कम नहीं होती। यह अलग बात है कि प्रमोट हो चुकी स्टाफ नर्सिस की ड्यूटी रोगियों की जांच की नहीं होती, बावजूद इसके कई अपनी पोस्ट की परवाह किये बगैर दायित्व निभाती है।
एक तर्क यह भी है कि वीडियो वायरल करने वाले के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज करने का प्रावधान हो सकता है। प्रारंभिक जानकारी में यह बात सामने आई है कि वीडियो 4-5 जनवरी को नर्सिंग ड्यूटी रूम में बनाया गया है। विभाग ने इस बात की भी पड़ताल कर ली है कि उस दिन किसी रोगी की कोई शिकायत तो नहीं थी, जिसमें यह कहा गया हो कि उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा है।
उधर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के के पराशर का कहना था कि एसएमओ को जांच के आदेश दिए गए हैं। इस बारे मंगलवार तक रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने इस बात को भी माना कि प्रारंभिक जांच में ड्यूटी पर कोताही की कोई बात सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। चूंकि इस वायरल वीडियो पर अलग-अलग राय है, लिहाजा इसे शेयर नहीं किया जा रहा है।
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