शिलाई: संघर्ष व लगन के बूते 25 साल के युवक यशपाल ने सफलता के पायदान पर अगली कामयाबी हासिल की है। इस युवक की सफलता कई मायनों में अलग है। पहला यह कि अकेले पिता पर चार बच्चों के लालन-पोषण की जिम्मेदारी थी। दूसरी यह कि प्रारंभिक चरण में यशपाल को एक के बाद दूसरी असफलता मिल रही थी। आईटीआई में इंस्ट्रक्टर के पद पर तैनात यशपाल ने कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जूनियर कनिष्ठ अभियंता की परीक्षा में सफलता अर्जित की है।
एक अगस्त 1993 को जन्में यशपाल ने 2014 में पॉलीटैक्नीक की। परिवार की आर्थिक स्थिति बीटेक करवाने के लिए सुदृढ़ नहीं थी, लिहाजा टयूशन व अन्य स्त्रोतों से यशपाल ने बीटेक भी पूरी कर ली। बद्दी में एम टेक की पढ़ाई के दौरान ही आईटीआई के इंस्ट्रक्टर के पद पर चयन हो गया। मूलतः संगड़ाह उपमंडल की भलाड़ भलौना पंचायत के रहने वाले यशपाल को 2017 में हरेक प्रतियोगितात्मक परीक्षा में असफलता हासिल हुई थी, लेकिन हौंसला नहीं डगमगाया।
2019 में आईटीआई के इंस्ट्रक्टर व जेई की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ-साथ सब स्टेशन अटेंडेंट की छंटनी परीक्षा में सफल हो गए। इसमें से दो परीक्षाओं के अंतिम नतीजे में सफलता मिली, जबकि तीसरे का रिजल्ट घोषित नहीं हुआ है। बातचीत के दौरान यशपाल ने बताया कि पिता ने जीवन भर संघर्ष किया। आप ही सोचिए कि चंद हजार की नौकरी करने वाला पिता कैसे अपने चार बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा सकता था। लिहाजा, परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ आत्मनिर्भर होना भी जरूरी हो गया था। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों व माता-पिता को दिया है।
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