राजगढ़ : समाज में फैली छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई के उन्मूलन के लिए आगामी 22 मार्च को राजगढ़ में सर्वजातीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। ताकि अनुसूचित जाति को भी समाज में अछूत न समझा जाए और अनुसूचित जाति अधिनियम के हो रहे दुरूपयोग पर भी अंकुश लगाया जा सके। यह निर्णय शनिवार को बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा आयोजित एक आपातकालीन बैठक में लिया गया।
क्षेत्र के जाने माने समाज सेवी रतन हाब्बी, जिया लाल, रतन कश्यप, सदा नन्द पुण्डीर, हरदेव भारद्वाज, गुरदयाल सिंह, दलीप सिंह, संदीप चौहान, पवन तोमर, भूपेंद्र, प्रमोद पुंडीर, दलीप सिंह, रमेश, यादविंदर सहित अनेक लोगों ने बैठक में भाग लिया। क्षेत्र में जातीय दुर्भावना के चलते हो रही प्रताड़ना की बढ़ रही घटनाओं के मद्देनजर इस विषय पर गहनता से चर्चा की गई।
बैठक में सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि छुआछूत को लेकर जो स्वर्ण और अनुसूचित जाति के मध्य कालांतर से खाई उत्पन्न हुई है उसे पाटने के लिए सभी जातियों के लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। जिस पर आगामी 22 मार्च को राजगढ़ में सभी जाति के लोगों की महा पंचायत आयोजित की जाएगी ताकि छुआछूत, बाल विवाह जैसी समाजिक बुराई का समाज से उन्मूलन किया जा सके।