शिमला : जयराम सरकार में भेदभाव की नई प्रथा शुरू हुई है, जो आधे राज्य को अखर रही है। दरअसल पिछले लंबे समय से गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय सामरोह प्रदेश में प्रदेश के तमाम जिलें हिस्सा लेते थे और अपने-अपने ज़िलों की सांस्कृतिक स्मृद्धि प्रदर्शित करते थे। लेकिन जयराम सरकार के आते ही गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में जिलों के चयन को लेकर भेदभाव होने लगा है। गणतंत्र दिवस को लेकर शिमला प्रशासन द्वारा प्रदेश के पांच जिलों कांगड़ा, शिमला, मंडी, कुल्लू व बिलासपुर को न्यौता भेजा गया है। मात्र चंद रोज ही बचे हैं। देखना यह है कि राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस से वंचित ज़िलों की आहत भावना की भरपाई कैसे जाएगी। सवाल इस बात पर भी उठता है कि सीएम जयराम ठाकुर इस बदली रिवायत से अवगत है या नहीं, या फिर अफसरशाही ने ही निर्णय ले रखा है।
ऐसे में जहां जिलों के कलाकारों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचती हैं, वहीं हर जिले की संस्कृति को भी प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में लोगों तक पहुंचने से महरूम रखा जा रहा है। बता दें की हर वर्ष 26 जनवरी को रिज मैदान शिमला में होने वाले प्रदेश स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में सभी जिलों को आमंत्रित किया जाता था। कार्यक्रम में तमाम जिला अपनी वेशभूषा के साथ-साथ अपनी संस्कृति को भी दर्शाते थे। प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में वही जिले नहीं पहुंचते थे, जहां पर ज्यादा बर्फबारी या आने-जाने का साधन नहीं हो पाता था।
सांस्कृतिक दलों के अलावा कार्यक्रम में पुलिस जवानों की परेड, विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी लगाई जाती थी। पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल स्वयं करते थे। लेकिन पिछले दो वर्षों से विभिन्न जिलों से आने वाले सांस्कृतिक दलों की अनदेखी की जा रही है। जिसके चलते पूरा हिमाचल गणतंत्र दिवस में शामिल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कलाकारों के मान-सम्मान को ठेस पहुंच रहे है।
डीसी शिमला अमित कश्यप ने कहा कि कुछ जिलों को वर्ष 2019 में हुए गणतंत्र दिवस में बुलाया गया था, जिन्हें इस बार नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार रिज मैदान पर होने वाले प्रदेश स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में पांच जिलों को बुलाया गया है। जिला भाषा अधिकारी का कहना था कि यह फैसला प्रशासन के स्तर पर हुआ है। कुल मिलाकर सरकार को यह तो साफ़ करना ही पड़ेगा कि आखिर क्यों प्रदेश को इस तरीके से बांट दिया गया है।
पहले उत्सव बंद, अब संस्कृति को दबाने का प्रयास
आधे से ज्यादा जिलों को प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में न बुलाने पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब से प्रदेश में जयराम की सरकार आई है, तब से ही प्रदेश की संस्कृति को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले जिला भर में होने वाले उत्सवों को बंद किया गया, अब प्रदेश स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में कुछ जिलों का चयन करना भेदभाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में सभी जिलों को आमंत्रित करना चाहिए, ताकि हर जिला अपना सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखा सके।