सोलन : हिमाचल स्थित शूलिनी विश्वविद्यालय ने आज ताईवान के नेशनल फॉर्मोसा विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौते का उद्देश्य पारस्परिक आधार पर अनुसंधान और छात्र और संकाय के आदान-प्रदान में सहयोग को सुविधाजनक बनाना है।
एमओयू पर शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पी के खोसला और राष्ट्रीय फॉर्मोसा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष वेन-यूह ज्वे द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इनके साथ समन्वयक अंतर्राष्ट्रीय मामलों, सुश्री जियांग पेई-रोंग भी थीं। दोनों विश्वविद्यालय ताईवान में शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए छात्रों के आदान-प्रदान, संकाय विनिमय और उच्च अध्ययन के अवसरों के क्षेत्र में सहयोग करेंगे।
समझौते के अनुसार, प्रत्येक सेमेस्टर छह छात्रों और प्रत्येक पक्ष से संकाय सदस्य साथी विश्वविद्यालय में जाकर अध्ययन कर सकते हैं।
संकाय सदस्य और छात्र संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों में संलग्न होंगे।
प्रो खोसला ने कहा कि समझौते में शुरू में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इससे पहले निदेशक और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के निदेशक डॉ आरपी द्विवेदी, डॉ रोज़ी धन्ता, सहायक निदेशक, शूलिनी विश्वविद्यालय के अंतरर्राष्ट्रीय दौरे के दौरान पिछले महीने ताईवान में पांच अलग-अलग विश्वविद्यालयों के साथ शूलिनी विश्वविद्यालय के बीच पांच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। पांच विश्वविद्यालयों में एशिया विश्वविद्यालय, मेहो विश्वविद्यालय, काऊशुंग चिकित्सा विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय ताइचुंग विश्वविद्यालय व राष्ट्रीय चाई विश्वविद्यालय शामिल थे।
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