नाहन : 1621 में बसे शहर में इन दिनों सड़कों को खोद कर पाइपें बिछाने का कार्य प्रगति पर है। तर्क यह है कि उठाऊ पेयजल योजना का कार्य पूरा होने के बाद शहर वासियों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। आलम यह हो जाएगा कि घर के भंडारण टैंक ओवरफ्लो होने शुरू हो जाएंगे। पाइपों के कनेक्शन बिछाने के कार्य में एक दिलचस्प मोड़ भी आया है।
शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के समीप से ऐतिहासिक चौहान मैदान में भी पाइपों को बिछाया जा रहा है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के समीप से दिल्ली गेट तक पाइप को बिछाने के लिए सड़क को नहीं खोदना पड़ेगा। अब तो शहरवासियों को ही तय करना है कि यह सही कदम है या नहीं, क्योंकि जब शहर के अन्य हिस्सों की सड़कें खोद दी गई हैं तो महज एक हिस्से को बचाकर क्या हासिल होगा।
कुछ रोचक तर्क सोशल मीडिया में सामने आ रहे हैं। एक फेसबुक यूजर ने लिखा है कि सरकार को चौगान मैदान में प्याज की खेती ही कर लेनी चाहिए। जिन इलाकों में सड़कों को खोद जा चुका है, वहां इसकी मरम्मत को लेकर कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है। इसके पीछे वजह क्या है, यह तो आईपीएच विभाग ही बता सकता है, लेकिन चौगान मैदान में पाइपें बिछाने का कार्य शुरू हो चुका है। गौरतलब है कि यह मैदान सैकड़ों सालों से इतिहास का गवाह रहा है। बहरहाल चौगान मैदान के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है।