घुमारवीं: हिमाचल प्रदेश में बढ रही आवारा पशुओं की संख्य एक चुनौती बनी हुई है। कई हादसे भी होते हैं। जिसमें यह बेसहारा पशु घायल हो जाते हैं। जिनकी देख-रेख करने वाला कोई नहीं होता। जिस कारण घायल पशु दम तोड़ देते हैं। लेकिन उपायुक्त राजेश्वर गोयल की कोशिश और सोच का परिणाम है कि इन पशुओं को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए बिलासपुर के पशु चिकिसाल्य के परिसर में एक ट्रामा सैंटर का निर्माण किया गया है। जिसमें घायल हुए बेसहारा पशुओं को यहाँ लाकर इलाज किया जाएगा।
बिलासपुर पशु पालन विभाग के उप निदेशक अविनाश शर्मा ने बताया कि 12 लाख 25 हजार रुपये की लागत से बने इस पशु ट्रामा सैंटर में सड़कों पर वाहनों की चपेट में आने के कारण पशु घायल हो जाते हैं जो मर जाते हैं। लेकिन अब इन पशुओं का इलाज बिलासपुर के इस ट्रामा सैंटर में किया जाएगा। इनको ट्रामा सैंटर तक लाने के लिए गाडी का प्रावधान भी किया जाएगा। जब तक पशु ठीक नहीं हो जाते तब तक यहीं उनकी देखभाल की जाएगी। उसके बाद गौशाला में भेजा जाएगा।
बरमाणा-दाडला मंडी व राष्टीय उच्च मार्ग पर अधिक ट्रैफिक के कारण हादसे बढ जा रहे हैं। जिस कारण इस तरह के ट्रमा सैंटर की जरूरत थी। जिसमें हर सुविधा मौजूद है। उन्होंने कहा कि यह उपायुक्त राजेश्वर गोयल की सोच और कोशिश का परिणाम है कि हिमाचल प्रदेश में यह पहला अपनी तरह का ट्रामा सैंटर है। जिसका उद्घाटन 14 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल करेंगे। यहाँ पशुओं की देख-रेख का काम शुरू हो जायेगा।