नौहराधार : सिरमौर के ऊपरी क्षेत्रों में कड़कती ठंड पड़ रही है। ताजा बर्फबारी के बाद दुश्वारियां लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में यंग चिकित्सकों ने कर्त्तव्य परायणता को लेकर एक मिसाल पेश की है। सेरतंदुला पंचायत के फरोग गांव में कमल शर्मा पुत्र मोहन लाल की दुधारू गाय को नया जीवन प्रदान किया है। हालांकि सजेरियन डिलीवरी सामान्य हो सकती है, लेकिन बर्फबारी के साथ-साथ ओबरे की स्थिति बेहद ही चुनौतीपूर्ण थी।
पहाड़ी इलाकों में ओबरे का प्रवेश द्वार बेहद ही छोटा बनाया जाता है। इसमें पशु भीतर तो दाखिल हो जाता है, लेकिन गर्भाधारण जैसी स्थिति में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। लिहाजा, चिकित्सकों को पहले छोटे से ओबरे में दाखिल होना पड़ा। लाइट नहीं थी, इसी कारण लैंप का इंतजाम किया गया। ओबरे का आकार इतना छोटा था कि टीम को गाय के साथ भीतर काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण था।
बीती रात की गई सजेरियन डिलीवरी के बाद गाय का स्वास्थ्य स्थिर है। इस कार्य में नौहराधार के पशु चिकित्सक डॉ. अमित वर्मा व बोगधार में तैनात डॉ. अंकुश राणा की भूमिका सराहनीय रही। इस प्रक्रिया में एक चुनौती गाय को संक्रमण के साथ-साथ ठंड से बचाने की भी थी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पशुपालन विभाग में तैनात युवा चिकित्सक बेहतरीन कार्य कर रहे हैं।
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